Rahul Gandhi Remarks: अब वीर सावरकर के वंशज ने राहुल गांधी के खिलाफ किया मानहानि का केस, बोले- 'अब बहुत हो गया'
Savarkar Remarks Row: वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की एक नई शिकायत दर्ज की गई है.
Rahul Gandhi Remarks Row: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की एक नई शिकायत दर्ज की गई. ये शिकायत राहुल गांधी की वीर सावरकर (Veer Savarkar) के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज हुई है. कवि और स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के भाई-बहनों में से एक के पोते सत्यकी सावरकर (Satyaki Savarkar) ने राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई.
सत्यकी सावरकर ने बुधवार (12 अप्रैल) को कहा कि राहुल गांधी काफी समय से वीर सावरकर के खिलाफ बयान दे रहे हैं. एक समय के बाद, हमें लगा कि अब बहुत हो गया और इसे रोकने की जरूरत है. इसलिए हम अदालत चले गए. अब अदालत को फैसला करने दें. इससे पहले 'मोदी' सरनेम पर टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस नेता को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
हिमंत बिस्वा सरमा ने भी दी केस करने की धमकी
इस मामले को चुनौती देने के लिए कांग्रेस कोर्ट भी पहुंच गई है जहां 13 अप्रैल को सुनवाई होनी है. इसके अलावा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी के बाद कांग्रेस नेता एक और विवाद में घिर सकते हैं.
इस टिप्पणी को लेकर किया केस
सत्यकी सावरकर ने बुधवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने इस साल यूनाइटेड किंगडम की अपनी हालिया यात्रा के दौरान वीर सावरकर के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पिछले महीने इंग्लैंड गए थे और एक सभा में टिप्पणी की कि वीर सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि एक बार जब उनके साथी किसी मुस्लिम को पीट रहे थे तो यह दृश्य देखकर सावरकर जी को प्रसन्नता हुई. वीर सावरकर ने किसी भी किताब में इस तरह की बातें नहीं लिखी.
"वोट बैंक के लिए बयान दिए"
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की बातें पूर्णत: काल्पनिक हैं. राहुल गांधी ने बिना अध्ययन के टीका-टिप्पणी की है, वोट बैंक के लिए. कई दिनों से राहुल गांधी ऐसे ही बयान दिए जा रहे हैं. हमने अदालत का रुख किया है. कोर्ट ने हमें 15 अप्रैल की तारीख दी है. हम तथाकथित याचिकाओं और पेंशन के बारे में राहुल गांधी और उनके कुछ अनुयायियों से बहुत कुछ सुन रहे हैं. वे वास्तव में भरण-पोषण भत्ता और क्षमादान याचिकाएं थीं.
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