Savarkar Row: सावरकर पर बयान से मचा घमासान तो बोली कांग्रेस, 'शिवसेना से गठबंधन पर नहीं पड़ेगा असर, सिर्फ फैक्ट रखे हैं'
Savarkar Row: सावरकर पर राहुल गांधी के बयान पर मचे हंगामे के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह तथ्य है कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे, सावरकर से प्रभावित थे.
Rahul Gandhi On Savarkar: हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर बवाल मचा हुआ है. राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. इसी बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा है कि उन्होंने सावरकर पर निशाना नहीं साधा है बल्कि सिर्फ ऐतिहासिक तथ्यों को सामने रखा है.
जयराम रमेश ने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना भले ही सावरकर पर राहुल गांधी के विचारों का समर्थन नहीं करती है, लेकिन इसका महा विकास आघाड़ी गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं होगा. एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना शामिल है.
रमेश ने कहा, ‘‘गांधी ने आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के संदर्भ में सावरकर का जिक्र किया था, कि कैसे ब्रिटिश सरकार के सामने मुंडा ने सिर नहीं झुकाया और सावरकर ने दया याचिका पर हस्ताक्षर कर दिए, यह तथ्य है." उन्होंने आगे कहा, "महानतम भारतीय नेताओं में से एक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक 1908 से 1914 तक छह साल मांडला जेल में बंद रहे. तिलक ने दया याचिका पर हस्ताक्षर नहीं किए थे.’’
नाथूराम गोडसे, सावरकर से प्रभावित थे
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह तथ्य है कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे, सावरकर से प्रभावित थे. उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे सावरकर की विचारधारा थी. उन्होंने कहा कि सावरकर जिस विचारधारा को मानते थे, वही गांधी जी की हत्या की वजह थी.
RSS ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था
उन्होंने कहा कि जो लोग सावरकर के मुद्दे पर नाराज हैं, वे ऐतिहासिक तथ्यों को कैसे नकार सकते हैं? आरएसएस ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बंगाल विभाजन का समर्थन किया था. जन संघ ने सरकार बनाने के लिए मुस्लिम लीग से हाथ मिलाया था.
बता दें कि अकोला जिले के वाडेगांव में बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि सावरकर ने तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की मदद की और उनके डर से क्षमा याचना के कागजात पर हस्ताक्षर किया था. राहुल गांधी की इस टिप्पणी के बाद प्रदर्शन हो रहे हैं और उद्धव ठाकरे ने यहां तक कहा है कि वह स्वतंत्रता सेनानी पर कांग्रेस नेता के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते हैं.
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