पीएल पुनिया का बड़ा दावा- सेंट्रल हॉल में माल्या और जेटली को बात करते देखा था
माल्या के आरापों को सफाई देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आरापों को निराधार बताया. उन्होंने कहा, “माल्या का बयान गलत है. साल 2014 के बाद से मैंने उन्हें मिलने का वक्त ही नहीं दिया. ऐसे उनसे मेरे मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.”
नई दिल्ली: 9000 करोड़ लेकर विदेश भागे विजय माल्या के सनसनीखेज आरोपों के बाद देश में राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष ने जांच की मांग करते हुए कई सवाल दाग रहे हैं. राहुल गांधी ने वित्तमंत्री जेटली के इस्तीफे की मांग की है. इस बीच कांग्रेस नेता पी एल पुनिया ने ये कह कर इस मामले में हलचल मचा दी है कि माल्या के देश छोड़कर भागने से दो दिन पहले उन्होंने माल्या और जेटली को सेंट्रल हॉल में बातचीत करते हुए देखा था. पुनिया का कहना है कि उसी बातचीत में हो सकता है कि जेटली ने माल्या को देश छोड़ने की सलाह दी होगी.
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए पुनिया ने कहा, ''जब विजय माल्या गए हैं उससे दो दिन पहले सेंट्रल हॉल में मैंने देखा कि विजय माल्या अलग से अरुण जेटली से बहुत गंभीर वार्ता कर रहे हैं. आज उन्होंने स्वीकार किया कि मैं वित्त मंत्री से मिला था और सेटलमेंट करना चाहता हूं. इन्होंने (जेटली ने) राय दी कि अब हिंदुस्तान से चले जाओ वर्ना जांच एजेंसियां आपके पीछे पड़ी हैं.''
माल्या ने जेटली को लेकर क्या कहा? भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि मैं भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था. बुधवार को लंदन के वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के बाहर उन्होंने कहा, ''मैंने पूरे मामले को सुलझाने के लिए भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी. मैं बैंकों का बकाया कर्ज चुकाने के लिए तैयार था, लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट को लेकर सवाल खड़े किए.''
जेटली ने क्या सफाई दी? माल्या के आरापों को सफाई देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आरापों को निराधार बताया. उन्होंने कहा, “माल्या का बयान गलत है. साल 2014 के बाद से मैंने उन्हें मिलने का वक्त ही नहीं दिया. ऐसे उनसे मेरे मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.”
जेटली के मुताबिक राज्यसभा के सदस्य होने के नाते माल्या ने कभी कभी संसद की कार्यवाही में भी हिस्सा लिया. वित्त मंत्री ने लिखा है, “उसने एक बार इस विशेषाधिकार का गलत फायदा उठाया और जब मैं सदन से निकल कर अपने कमरे की तरफ बढ़ रहा था तो वह तेजी से पीछा कर मेरे पास आ गया. चलते-चलते उसने कहा कि उसके पास कर्ज के समाधान की एक योजना है.”
जेटली ने कहा, “उसकी पहले की ऐसी ‘झूठी पेशकश’ के बारे में पहले से पूरी तरह अवगत होने के कारण उसे बातचीत आगे बढ़ाने का मौका नहीं देते हुए मैंने कहा कि ‘मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है और उसे अपनी बात बैंकों के सामने रखनी चाहिए.”
राहुल गांधी ने मांगा जेटली का इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने माल्या के दावे को 'अति गंभीर आरोप' करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को जांच का आदेश देना चाहिए. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ' लंदन में आज माल्या की ओर से लगाये गए अति गंभीर आरोपों को देखते हुए प्रधानमंत्री को तत्काल स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए. जब तक जांच चलती है तब तक अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद से हट जाना चाहिए.'