भोपाल: भोपाल में कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में सावरकर पर विवादित साहित्य बांटा गया. इस साहित्य में सावरकर को लेकर जो बातें लिखी गई हैं, उस पर अब विवाद खड़ा हो गया है. सेवादल की बैठक में जो किताब बांटी गई है उसका नाम है 'वीर सावरकर कितने वीर?’ इस किताब में लिखा है कि सावरकर जब 12 साल के थे तब उन्होंने मस्जिद पर पत्थर फेंके थे और वहां के शीशे तोड़ दिए थे. यही नहीं, किताब में नाथूराम गोडसे और सावरकर के संबंधों को लेकर भी विवादित टिप्पणी की गई है और लिखा है कि वीर सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोड्से के बीच समलैंगिक संबंध थे. इस विवादित कार्यक्रम के बाद विनायक सावरकर के पोते रंजीत सावरकर भड़क गए हैं और उन्होंने उद्धव ठाकरे से आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है .
रंजीत सावरकर ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा, "कांग्रेस अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए समय-समय पर सावरकर का अपमान करती है. कांग्रेस एकदम निचले दर्जे की राजनीति कर रही है. यह आरोप निराधार है. आज की कांग्रेस की रीढ़ नहीं है. इंदिरा गांधी, सावरकर को वीर सपूत कहती है तब यही कांग्रेस के लोग सावरकर की तारीफ़ करते थे. आज पप्पू, जब सावरकर का अपमान करता है तो नीचे वाले बढ़-चढ़कर अपमान करते हैं .अब सिर्फ निंदा से यह काम नहीं होगा, महाराष्ट्र सरकार इसपर IPC की धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज करे और गिरफ्तारी करे."
रंजीत सावरकर ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा, 'फ्रिडम एट मिडनाइट' नाम की पुस्तक में वीर सावरकर पर आपत्तिजनक वक्तव्य था जिसमें उनके समलैंगिक होने का गलत लेख लिखा था. इसे लेकर मेरे पिता विक्रम सावरकर और चाचा ने नोटिस भेजा था. इसके बाद पुस्तक के प्रकाशक और लेखक ने माफ़ी मांगी थी और वीर सावरकर स्मारक के लिए 2 लाख रुपए भी दिए थे. पुस्तक से आपत्तिजनक चीजें हटा ली गई थी.
नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के संबंध पर टिप्पणी करते हुए रंजीत सावरकर ने कहा, ''नाथूराम गोडसे कभी भी सावरकर के निकट लोगों में नहीं रहे, वो हिन्दू महासभा के अध्यक्ष थे और गोडसे कार्यकर्ता. रंजीत सावरकर ने कहा की अटल जी की सरकार जब से आई तब से वीर सावरकर को लेकर हमला तेज हुआ है. आज के समय में NRC को लेकर दंगो में किसका हाथ है यह सामने आ रहा है. ध्यान हटाने के लिए यह कांग्रेस का षड्यंत्र है और पब्लिसिटी के लिए कांग्रेस यह करती है.
रंजीत सावरकर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मांग करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने लोकसभा चुनाव के प्रचार में कहा है कि अब कांग्रेस हद पार कर चुकी है इसलिए महाराष्ट्र में आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी वीर सावकर को विश्वासघाती बताकर विवाद पैदा कर दिया था. महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सरकार चला रही शिवसेना और एनसीपी ने भी राहुल गांधी के बयान की निंदा की थी.
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