संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से भारत में अमेरिका की तरह रोजगार के विश्वसनीय आंकड़े नहीं हैं. मुझे लगता है कि रोजगार एक राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है.
बता दें कि देश में बढ़ते बेरोजगारी को लेकर एक डाटा सामने आया है. इस डाटा में दावा किया जा रहा है कि साल 2018 में सबसे कम नौकरियों के अवसर आए हैं. रिपोर्ट सामने आने के बाद शिवसेना ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला था.
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के जरिए शिवसेना ने सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया कि पिछले एक साल में देश में 1.09 करोड़ नौकरियां खत्म हुईं.
साढ़े चार साल में मेरी सरकार ने रोजगार के करोड़ों अवसर सृजित किये- पीएम मोदी
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