SBI Electoral Bonds Latest Data: भारत के चुनाव आयोग की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, बजाज, बिड़ला और महिंद्रा समेत भारत के 10 प्रमुख बिजनेस ग्रुप से जुड़ी कंपनियों ने 1,306 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे.
इनमें से केवल कुछ कंपनियां ही बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स यानी 20,000 करोड़ रुपये से अधिक बाजार पूंजी वाली बड़ी कैप कंपनियों में शामिल हैं. कुल मिलाकर, निफ्टी-50 कंपनियों में से केवल 15 ने 520 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. इसमें भारती एयरटेल 198 करोड़ रुपये के साथ सबसे आगे रही.
कंपनियों ने एक्सचेंज को नहीं दी बॉन्ड खरीदने की जानकारी
इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली इन लिस्टेड कंपनियों ने एक्सचेंज के सामने इस बात का खुलासा नहीं किया. इससे इसकी जानकारी निवेशकों को भी नहीं मिल पाई. फाइनेंशल ऑब्जर्वर के एक वर्ग का मानना है कि बाजार नियामक सेबी को कंपनियों के लिए स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के माध्यम से पॉलिटिकल फंडिंग का खुलासा करना अनिवार्य बनाना चाहिए.
वेदांता ग्रुप ने खरीदे 375 करोड़ के बॉन्ड
ईसीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि बॉन्ड खरीदारी में टॉप कंपनियों में अनिल अग्रवाल का वेदांता ग्रुप था, जिसने 375 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. बजाज समूह की कंपनियों ने 48 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. राजीव बजाज की कंपनी बजाज ऑटो ने 18 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे, जबकि बजाज फाइनेंस ने 20 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. बजाज होल्डिंग्स ने 10 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे.
बिड़ला ग्रुप ने अलग-अलग कंपनियों के जरिये दिया पैसा
कुमार मंगलम बिड़ला की अध्यक्षता वाले आदित्य बिड़ला ग्रुप ने 175 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. कंपनी ने 35 करोड़ रुपये के बॉन्ड अल्ट्राटेक सीमेंट के माध्यम से, 33 करोड़ रुपये के बॉन्ड ग्रासिम के माध्यम से, 2 करोड़ रुपये के बॉन्ड बिड़ला एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से जबकि 105 करोड़ रुपये के बॉन्ड बिड़ला कार्बन के माध्यम से खरीदे. सुनील मित्तल के भारती एयरटेल ग्रुप ने 247 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. इसमें से भारती एयरटेल की हिस्सेदारी 198 करोड़ रुपये की थी.
जिंदल ग्रुप की भी कई कंपनियों ने दिया पैसा
वहीं जिंदल ग्रुप की कई कंपनियों ने 195 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. इसमें से सबसे ज्यादा जिंदल स्टील ने 123 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. आनंद महिंद्रा की अध्यक्षता वाले महिंद्रा ग्रुप ने 26 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. रियल एस्टेट ग्रुप डीएलएफ ने 160 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे, जबकि डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स लिमिटेड ने 130 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे. पीरामल ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर 48 करोड़ रुपये खर्च किए. टीवीएस की दो कंपनियों ने 26 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे, जबकि आईटीसी ने 6.55 करोड़ रुपये खर्च किए. हालांकि हिंदुस्तान यूनिलीवर और नेस्ले जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भारतीय शाखाओं के नाम इन लिस्ट में नहीं हैं.
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