नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में RBI और सार्वजनिक, निजी बैंक आमने-सामने आ गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में बैंकों की याचिका पर आज एक अहम सुनवाई होगी. इस सुनवाई में एक तरफ बैंकों का बैंक आरबीआई होगा. तो दूसरी तरफ सार्वजनिक और निजी बैंक एक साथ बैंकों ने ये याचिका आरबीआई के उस फैसले के खिलाफ दायर की है जिसमें बैंकों को आदेश दिया गया कि भी बैंकों को अपने खातों की इंस्पेक्शन रिपोर्ट की जानकारी RTI के तहत देनी होगी.
RBI के आदेश के बाद बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और आदेश पर रोक लगाने की मांग की. बैंकों की दलील है कि आरबीआई के आदेश से व्यापार प्रभावित होगा और ग्राहकों की निजी जानकारी भी सार्वजनिक होगी जिसे वो शेयर नहीं करना चाहते. वहीं निजी बैंकों का कहना है कि आरटीआई केवल सरकारी दफ्तरों और संस्थानों पर लागू होता है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि आरटीआई के तहत निरीक्षण रिपोर्ट का खुलासा किया जा सकता है. आज पीठ यह निर्णय करेगी कि मामले को वह सुनवाई करेगी या फिर न्यायाधीश एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली अन्य पीठ को सुनवाई करनी चाहिए.
केंद्र, एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड ने जयंतीलाल एन मिस्त्री मामले में 2015 के न्यायालय के रिजर्व बैंक को सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत आवेदकों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के निर्देश से जुड़े फैसले के विरोध में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. एचडीएफसी बैंक की तरफ से कहा गया है कि बैंक उस मामले में कोई पक्ष नहीं थे, जिसमें यह फैसला आया था. आरटीआई कानून के तहत गोपनीय सूचना को देने पर पाबंदी है.
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