मुंबई: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने ATM से हर दिन निकालने वाले अधिकतम रुपयों की सीमा को आधा कर दिया है. अब SBI ATM से एक दिन में सिर्फ 20 हजार रुपए की रकम निकाली जा सकेगी. पहले यह सीमा 40 हजार रुपए की थी. एटीएम से निकासी की यह सीमा सिर्फ एसबीआई डेबिट कार्ड की क्लासिक और मैस्ट्रो कार्ड वालों के लिए ही है.


अपने इस कदम पर भारतीय स्टेट बैंक का कहना है कि यह ATM धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को रोकने और डिजिटल ट्रांजेक्शन की ओर लोगों को आगे बढ़ाने के लिए उठाया गया है. आने वाले महीने त्याहारों के हैं ऐसे में एटीएम का इस्तेमाल लोग अधिक करेंगे इसलिए ठगी की घटनाएं न बढ़ें, इसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है.

एटीएम से प्रतिदिन कैश निकालने की सीमा आधी करने से क्या किसी तरह की असुविधा लोगों को होगी? इस सवाल पर एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर पीके गुप्ता का कहना है कि बैंक ने इसके लिए आंतरिक सर्वे करवाया था. सर्वे में पाया गया कि अधिकतर ग्राहक एटीएम से कम अमाउंट की निकासी करते हैं और इस कारण 20 हजार रुपए की की लिमिटेशन कम नहीं है.


पीके गुप्ता ने आगे कहा कि हम इस फैसले के माध्यम से ये भी देख रहे हैं कि कम अमाउंट की लिमिटेशन लगाने से किस तरह एटीएम से होने वाली पैसों की धोखाधड़ी को कम किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि जिन्हें अधिक पैसे निकालने की जरूरत होती है ऐसे लोग एसबीआई के वैसे डेबिट कार्ड जिनमें डेली लिमिट अधिक होती है का इस्तेमाल कर सकते हैं. अधिक लिमिट वाले डेबिट कार्ड बैंक ऐसे ग्राहकों को जारी करती है जो खाते में अधिक मिनिमम बैलेंस रखते हैं.


एटीएम से ट्राजेक्शन लिमिट कम करना इसलिए भी लोगों को परेशान कर सकता है, क्योंकि देश में अभी भी डिजिटल ट्रांजेक्शन गति नहीं पकड़ रही है. हालांकि, सरकार डिजिटल ट्रांजेक्शन की ओर लोगों को आकर्षित करने के लिए अनेक प्रयास कर रही है. लेकिन इसक बावजूद देश में कैश की मांग लगातार बढ़ रही है.


वहीं, एटीएम मामलों के जानकारों का कहना है कि डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले लोग सबसे आसानी से ठगी के शिकार बनते हैं. ऐसे लोगों का कहना है कि डेबिट कार्ड पिन की चोरी न सिर्फ एटीएम मशीन से होती है, बल्कि बड़े दुकानों में लगे प्वाइंट ऑफ सेल मशीन से भी पिन की चोरी की घटनाएं होती हैं. जानकारों का मानना है कि चिप लगे कार्ड की तुलना में मैग्नेटिक स्ट्रिप लगे डेबिट कार्ड फ्रॉड की नजर से ज्यादा असुरक्षित होते हैं.