नई दिल्ली: एयरसेल-मैक्सिस मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अपनी नई याचिका में स्वामी ने मामले की जांच कर रहे ED अधिकारी को 'परेशान' किये जाने का विरोध किया है.


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की एक अवकाशकालीन बेंच ने राजेश्वर के खिलाफ जांच की मांग करने वाली एक याचिका को गर्मी की छुट्टी के बाद, 5 जुलाई को सुनवाई के लिए लगाए जाने का आदेश दिया है. रजनीश कपूर नाम के शख्स की तरफ से दाखिल याचिका में राजेश्वर पर गलत तरीके से संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया है. स्वामी इसी का विरोध कर रहे हैं.


स्वामी का कहना है कि एयरसेल-मैक्सिस मामले में कुछ बड़े लोगों को कार्रवाई से बचाने की कोशिश की जा रही है. इसलिए, बार बार न सिर्फ कोर्ट में एक ही जैसे आरोप लगाने वाली याचिका दाखिल करवाई जाती है, बल्कि सरकार के पास भी गुमनाम शिकायतें भेजी जाती हैं.


गौरतलब है कि खुद राजेश्वर सिंह ने अपने खिलाफ कथित झूठी शिकायतों से बचाव की मांग की थी. इस पर सुनवाई करते हुए पिछले साल 1 नवंबर जस्टिस चेलमेश्वर और अब्दुल नज़ीर की बेंच ने सरकार को राजेश्वर के खिलाफ आने वाली इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया था.


स्वामी ने याचिका में कहा है कि 12 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने में एयरसेल-मैक्सिस जांच पूरी करने को कहा था. इस मामले में कुछ प्रभावशाली लोगों की गर्दन फंसी है. इसलिए, जांच में अड़चन डालने की कोशिश की जा रही है. उनका कहना गया कि राजेश्वर के खिलाफ नई याचिका को सुनवाई के लिए मंज़ूर नहीं किया जाना चाहिए था. हालांकि, आज जस्टिस नज़ीर और इंदु मल्होत्रा की अवकाशकालीन बेंच ने उनसे अगले हफ्ते बैठने जा रही दूसरी बेंच में मामला रखने को कहा.


ध्यान रहे कि इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर गंभीर आरोप हैं. सुब्रमण्यम स्वामी लगातार दोनों को निशाने पर लेते रहे हैं. उनका ये भी कहना है कि कुछ 'असरदार' लोग और नौकरशाह आरोपियों की मदद करने में जुटे हैं.