सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मैक्लॉयडगंज बस स्टैंड के आसपास निर्माण में बरती गई अनियमितता को लेकर अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने बस स्टैंड पर अवैध रूप से बने होटल और रेस्तरां को गिराने का फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा फैसला सुनाते हुए कहा, "होटल और रेस्तरां को अवैध रूप से बनाया गया है और इसे जल्द से जल्द हटना चाहिए." कोर्ट ने इसके लिए दो हफ्ते का समय दिया है. वहीं, अब अवैध निर्माण करने वाली कंपनी और संबंधित विभागों के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है.
कोर्ट ने 2016 में दिए थे जांच के आदेश
सुप्रीम कोर्ट के जज डॉ. धनंजय वाई चंद्रचूड़ और इंदिरा बनर्जी की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट से अपील की गई थी कि अवैध निर्माण पर सख़्ती दिखाते हुए कड़ी कार्रवाई की जाए और रेस्तरां-होटल को उस जगह से हटा दिया जाए. कोर्ट ने इससे पहले 9 सितंबर 2016 को जांच के आदेश दिए थे. कोर्ट ने कहा था कि होटल और रेस्तरां का निर्माण अवैध है या नहीं, इसकी जांच की जाए.
लंबी चली कानूनी लड़ाई
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि निर्माण कार्य में बड़ी लापरवाही की गई और सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर दिया गया है. जांच कमेटी ने कई अधिकारियों को भी दोषी करार दिया था और उनपर कार्रवाई करने की मांग तेज की थी. वहीं, लंबी कानूनी लड़ाई जीतने के बाद अब याचिकाकर्ता इसे बड़ी जीत मान रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कोर्ट में सही तथ्य प्रस्तुत किए थे, जिसकी वजह से फैसला उनके पक्ष में सुनाया गया है.
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