अनुसूचित जाति आयोग का मुंबई पुलिस को निर्देश, Sameer Wankhede की शिकायत पर दर्ज करें FIR
Sameer Wankhede: आयोग ने आगे कहा है की इस मामले की जांच जिस पुलिस अधिकारी द्वारा कराई जाए वो अधिकारी ACP रैंक से कम ना हो.
Sameer Wankhede: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक द्वारा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की जाती प्रमाणपत्र की सत्यता को लेकर कई आरोप लगाए गए थे. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने शुक्रवार को जारी अपने आदेश में कहा कि वानखेड़े उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार अनुसूचित जाति (SC) के हैं". एनसीएससी ने सिफारिश की कि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक द्वारा कथित हरेसमेंट के खिलाफ वानखेड़े द्वारा दायर शिकायत पर मामला दर्ज किया जाए.
आयोग ने यह भी सिफारिश की है कि वानखेड़े के जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन मामले पर महाराष्ट्र जाति जांच समिति तेजी लाए और एक महीने के भीतर एक रिपोर्ट जमा करे. आयोग ने अपने आदेश में पुलिस को जांच के दौरान वानखेड़े या उनके परिवार को परेशान नहीं करने की सलाह दी है. साथ ही यह भी कहा कि पिछले साल गठित एक स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम (एसआईटी) को तुरंत डिसोल्व कर दिया जाए क्योंकि SC/ST अधिनियम के तहत FIR दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच करने के लिए एसआईटी गठित करने का कोई प्रावधान नहीं है.
7 दिनो के भीतर देना होगा रिपोर्ट
नई दिल्ली में एनसीएससी के उपाध्यक्ष अरुण हलदर सदस्य सुभाष पारधी के साथ मामले की सुनवाई की और फिर आयोग के अपने आदेश में कहा की यह FIR आईपीसी और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की जाए. एनसीएससी ने कहा की इस मामले में FIR और उसपर क्या करवाई की है इसकी रिपोर्ट 7 दिनो के भीतर देना होगा, और अगर ऐसा नही हुआ तो आयोग फिर से सुनवाई करेगा.
आयोग ने आगे कहा है की इस मामले की जांच जिस पुलिस अधिकारी द्वारा कराई जाए वो अधिकारी ACP रैंक से कम ना हो. आयोग के आदेश में कहा गया है, ''एसआईटी अधिकारी याचिकाकर्ता और उनके परिवार को परेशान कर रहे हैं और इस उल्लंघन को आयोग ने बहुत ही गंभीरता से लिया है.''
अनुसूचित जाति की सत्यता पर सवाल
वानखेड़े, फ़िलहाल सेंट्रल बोर्ड ओफ़ इंडायरेक्ट टेक्स एंड कस्टम में पोस्टेड हैं, वानखेड़े ने आयोग के सामने शिकायत की थी जिसमें वानखेड़े ने कहा था कि मलिक सार्वजनिक सभाओं और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से उनके और उनके परिवार के सदस्यों की अनुसूचित जाति की सत्यता पर सवाल उठा रहे है और परेशान कर रहे हैं.
वानखेड़े ने अपने वकील दिवाकर राय के माध्यम से आयोग को बताया था कि जब वे एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर थे तब उनके अधिकारीयों ने दो अलग अलग करवाई की थी जिसमें से एक करवाई में मलिक के दामाद और दूसरी करवाई में एक प्रसिद्ध फिल्म स्टार के बेटे को गिरफ्तार किया था। मलिक ने सार्वजनिक स्थान पर वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ कई बातें कही जिसने से कुछ बातें उनकी कास्ट को लेकर भी थी.
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