नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पानी की शुद्धता का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. RO बनाने वाली कंपनियों ने इस साल मई में आए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के एक आदेश को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की रिपोर्ट में दिल्ली का पानी पीने लायक नहीं बताया गया है. इसलिए इस बैन को हटाया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने RO निर्माताओं को 10 दिन के अंदर अपनी बात मंत्रालय के सामने रखने को कहा है.


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है?


आज RO कंपनियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनजीटी के आदेश में कोई कमी नहीं लगती. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि एनजीटी की बनाई कमिटी की रिपोर्ट देखने का RO निर्माताओं को मौका नहीं मिला था. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि RO निर्माता कंपनियां 10 दिन के अंदर अपनी बात मंत्रालय के सामने रखें. मंत्रालय उनकी बात और दूसरी सभी बातों को ध्यान में रखते हुए नीति बनाए.


पासवान ने दिल्ली को बदनाम करने की लिए की डील- संजय सिंह


वहीं, इस मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर कई आरोप लगाए. संजय सिंह ने कहा, ‘’रामविलास पासवान ने RO कंपनियों के साथ दिल्ली को बदनाम करने के लिए डील की है. इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से 1 हफ्ते पहले यह रिपोर्ट लाकर दिल्ली को बदनाम किया जा रहा है. जिसका सीधा फायदा आरो कंपनियों को  मिलेगा.’’


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संजय सिंह ने आगे कहा, ‘’दिल्ली जल बोर्ड लगातार पानी की गुणवत्ता की जांच करता है और 98 सीसी रिपोर्ट में पानी सही पाया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘’रामविलास पासवान कोई राजा महाराजा नहीं है, जो मेरे सवालों का जवाब नहीं देंगे. वह भी एक सांसद हैं और मैं भी एक सांसद हूं. मैं उनसे सवाल पूछूंगा तो उनको जवाब देना पड़ेगा.’’


क्या है मामला?


आरओ बनाने वाली कंपनियों के संगठन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के प्रतिबंध के खिलाफ अर्जी दी थी. इस अर्जी के मुताबिक, दिल्ली के कई हिस्सों में आरओ फिल्टर के इस्तेमाल पर बैन है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की. इस बैन के खिलाफ वाटर क्वालिटी इंडिया एसोसिएशन ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका कहना है कि बीआईएस की रिपोर्ट में दिल्ली का पानी पीने लायक नहीं है. ऐसे में इस बैन को हटाया जाना चाहिए.


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