नई दिल्ली : पतंग उड़ाने के शौक़ीन फ़िलहाल कांच की परत वाले मांझे का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने नायलॉन के मांझे और कांच की कोटिंग वाले मांझे पर लगी रोक हटाने से मना कर दिया है. दिसंबर में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने ये रोक लगाई थी.


पतंग उड़ाने की परंपरा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे


गुजरात के मांझा कारोबारी राज्य में मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. लेकिन, कोर्ट ने उन्हें वापस NGT जाने को कह दिया.


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NGT के आदेश में कोई गलती नज़र नहीं आ रही है : SC


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहली नज़र में उसे NGT के आदेश में कोई गलती नज़र नहीं आ रही है. चूंकि, ट्रिब्यूनल का आदेश अंतरिम है और सुनवाई लंबित है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट इसमें दखल नहीं देगा.


इस बारे में केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था


दिसंबर में NGT ने पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ़ एनिमल और दूसरे याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद इस तरह के मांझे पर अंतरिम रोक लगा दी थी. NGT ने कहा था कि ये रोक 1 फरवरी तक रहेगी. इसके बाद मसले पर दोबारा सुनवाई होगी. इस बारे में केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था.


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कांच की कोटिंग वाले मांझे से बड़े पैमाने पर दुर्घटनाएं


NGT में दायर याचिकाओं में कांच की कोटिंग वाले मांझे से बड़े पैमाने पर होने वाली दुर्घटनाओं का हवाला दिया गया था. नायलॉन से बने चाइनीज़ मांझे से पक्षियों की मौत का भी मसला उठाया गया था.