नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट से कहा कि प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिये पैलेट गन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिये दायर याचिका पर छह सप्ताह के भीतर फैसला लिया जाये. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की पीठ ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के चार जुलाई के इस पत्र का संज्ञान लिया कि यह मामला खंडपीठ के समक्ष मंगलवार के लिये सूचीबद्ध है.


इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने 2016 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी और प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने का अनुरोध किया था क्योंकि इसके प्रयोग से लोग जख्मी हो रहे हैं और उनकी जान भी जा रही है. पीठ ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार का पत्र रिकार्ड में लेते हुये कहा, ''हम हाईकोर्ट की खंडपीठ से इस मामले का तेजी से निर्णय करने और यथासंभव छह सप्ताह के भीतर आदेश पारित करने का अनुरोध करते हैं.''


वकीलों के इस संगठन ने हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी. हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने से इंकार करते हुये कहा था कि केन्द्र पैलेट गन का विकल्प तलाशने के लिये विशेंषज्ञों की एक समिति गठित कर चुका है. शीर्ष अदालत ने 18 जनवरी, 2018 को कहा था कि वह हाईकोर्ट में लंबित याचिका के नतीजे का इंतजार करेगा.


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