सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों की स्वतंत्रता को ज़रूरी बताया है. मध्य प्रदेश में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली एक हत्यारोपी की गिरफ्तारी का आदेश देने वाले जज पर दबाव बनाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की है.


कोर्ट ने बीएसपी विधायक रामबाई परिहार के पति गोविंद सिंह को हाई कोर्ट से मिली जमानत रद्द कर दी. उसे दूसरी जेल में ट्रांसफर करने का भी आदेश दिया. कोर्ट ने निचली अदालत के जज की तरफ से लगाए गए आरोप पर 1 महीने के भीतर जांच का भी आदेश दिया.


मामला दमोह के कद्दावर कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या से जुड़ा है. बीएसपी से कांग्रेस में गए चौरसिया की हत्या उन्हीं के क्रशर प्लांट में कर दी गई थी. 15 मार्च 2019 में हुई इस हत्या के लिए चौरसिया के परिजनों ने बीएसपी विधायक रामबाई के पति गोविंद, देवर चंदू समेत कुछ और लोगों को आरोपी बताया. लेकिन पुलिस ने मुख्य आरोपी गोविंद सिंह ठाकुर को 2 साल तक कोर्ट में पेश नहीं किया.


न्यायाधीश ने विधायक के पति के खिलाफ वारंट जारी किया था


इस साल फरवरी में दमोह के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी सोनकर ने विधायक के पति के खिलाफ वारंट जारी किया. बाद में उन्होंने ज़िला जज को चिट्ठी लिख कर बताया कि वारंट जारी करने के बाद से जिले के एसपी और दूसरे पुलिस अधिकारी उन्हें धमका रहे हैं.


सुप्रीम कोर्ट ने 12 मार्च को मृतक नेता के बेटे सोमेश चौरसिया के बेटे की याचिका को सुनते हुए मध्य प्रदेश पुलिस पर सख्त टिप्पणी की थी. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने पूरी घटना को जंगलराज बताया था. बेंच के दूसरे सदस्य जस्टिस एम आर शाह ने कहा था कि राज्य सरकार को यह मान लेना चाहिए कि वह संविधान के मुताबिक शासन नहीं कर सकती. कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को गोविंद सिंह को तुरंत गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था. नाराज़ जजों ने दमोह के एसपी को बर्खास्त करने की चेतावनी भी दी थी.


आरोपी को भिंड के बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया


सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद 28 मार्च को आरोपी को भिंड के बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया. आज कोर्ट ने एक बार फिर पूरे घटनाक्रम को लेकर पुलिस पर सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि मामले में पुलिस ने आरोपी की ढाल की तरह काम किया. किसी का राजनीतिक प्रभाव कितना भी हो, उसका असर न्यायपालिका पर नहीं पड़ना चाहिए. देश में गरीबों और अमीरों के लिए 2 तरह की न्याय प्रणाली नहीं हो सकती. लोगों को औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आना होगा.


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