नई दिल्ली: कांग्रेस ने कहा कि यह 'संवैधानिक रूप से चौंकाने' वाला है कि सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक में चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहा है. इससे पहले चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत से कहा था कि राज्य में 15 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव को वह अयोग्य घोषित किए गए विधायकों की याचिका पर फैसला होने तक टाल देगा. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कर्नाटक में एक निर्वाचित सरकार को 'दलबदलुओं' के एक समूह ने सत्ता से बाहर कर दिया और विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने संविधान के तहत प्राप्त अधिकारों के अनुरूप काम करते हुए उन्हें अयोग्य करार दिया.


सुरजेवाला ने कहा, ''आज तक, सुप्रीम कोर्ट ने अध्यक्ष के फैसले पर रोक नहीं लगाई है. इसका मतलब है कि, आदेश निश्चित तौर पर सही होगा. आखिर, अगर दल बदलुओं, जिन्हें धन और बाहुबल के दम पर लालच दिया गया उन्हें अयोग्य घोषित करने का फैसला गलत होता, तो सुप्रीम कोर्ट इस पर रोक लगा कर सही होता. ''एक बार आदेश पर मुहर लग जाने पर ये लोग अयोग्य घोषित हो जाएंगे और पुन: निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू होगी. चुनाव की जारी प्रक्रिया को टालना अपने आप में असाधारण है.''


EC ने पिछले हफ्ते 15 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की थी


इससे पहले गुरुवार को चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह इन 15 सीटों पर उपचुनाव तब तक के लिए टालेगा जब तक कि शीर्ष अदालत 17 विधायकों द्वारा दायर याचिका पर अंतिम निर्णय नहीं कर लेता जिन्होंने अपनी अयोग्यता को चुनौती दी है. चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते कर्नाटक में विधानसभा की 15 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की थी और कहा था कि वोटिंग 21 अक्टूबर को होगी और मतगणना 24 अक्टूबर को की जाएगी. चुनाव आयोग ने यह तब कहा जब जस्टिस एन वी रमण की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि बेहतर होता यदि अयोग्य घोषित विधायकों की याचिका पर फैसला हो जाता.


सुप्रीम कोर्ट सही है क्योंकि वे अंतिम हैं- सुरजेवाला


सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले 70 सालों में बनाया गया कानून कहता है कि वे चुनाव की प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ''अब सुप्रीम कोर्ट खुद ही चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित चुनाव की जारी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहा है. मेरे लिए यह संवैधानिक दृष्टि से आश्चर्यजनक है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट सही है क्योंकि वे अंतिम हैं और उसके बाद कहीं अपील नहीं हो सकती.''


हालांकि कांग्रेस के नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप न करने का फैसला संविधान के अनुरूप है. उन्होंने ट्विटर पर कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ अयोग्यता पर रोक लगाने से इनकार किया बल्कि स्वतंत्र रूप से मामले को गुण-दोष के आधार सुनने का फैसला किया. चुनाव आयोग के विवेक पर कोई चौंक सकता है क्योंकि ऐसा लगता है कि चुनाव को टालने का काम सरकार के एजेंडा का साथ देने के लिए उनके निर्देशों पर किया गया है.''


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