नेशनल हेराल्ड के आयकर मामले में राहुल गांधी-सोनिया गांधी की याचिका पर सुनवाई को तैयार SC
राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कर फर्नाडिस इन तीनों नेताओं ने 10 सितंबर को आए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने आयकर विभाग को साल 2011-12 के लिए तीनों के दोबारा टैक्स मूल्यांकन की इजाज़त दी थी.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट इनकम टैक्स न चुकाने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कर फर्नाडिस की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है. आज इनकम टैक्स विभाग ने तीनों के दोबारा टैक्स मूल्यांकन को सही ठहराते हुए दस्तावेज दाखिल किए और कोर्ट इन दस्तावेज का अध्ययन करेगा. अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी.
राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कर फर्नाडिस इन तीनों नेताओं ने 10 सितंबर को आए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने आयकर विभाग को साल 2011-12 के लिए तीनों के दोबारा टैक्स मूल्यांकन की इजाज़त दी थी.
क्या है मामला कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आयकर विभाग का मामला नेशनल हेराल्ड प्रकरण से जुड़ा है जिसमे ये सभी आपराधिक कार्यवाही का सामना कर रहे हैं. मामला नेशनल हेराल्ड पर यंग इंडिया के नियंत्रण का है. राहुल-सोनिया के स्वामित्व वाली संस्था यंग इंडिया ने सिर्फ 50 लाख रुपये देकर सैकड़ों करोड़ की संपत्ति वाले नेशनल हेराल्ड पर मालिकाना हक हासिल किया था. आरोप है कि सैकड़ों करोड़ के इस मुनाफे को आयकर विभाग से छिपाया गया. आयकर विभाग इस वजह से राहुल, सोनिया और फर्नांडिस की टैक्स देनदारी की दोबारा समीक्षा कर रहा है. तीनों इस पर रोक चाहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के 2011-12 के आयकर टैक्स देनदारी का मामला फिर से खोलने से संबंधित प्रकरण में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं पर चार दिसंबर को अंतिम रूप से दलीलें सुनी जायेंगी.
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में आयकर विभाग को राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पुराने रिकार्ड की छानबीन करने का अवसर देते हुये दोनों को राहत देने से इंकार कर दिया था. राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आस्कर फर्नाण्डीज ने अपनी अपील में हाई कोर्ट के 10 सितंबर के फैसले को चुनौती दी है.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दाखिल की थी कैविएट आयकर विभाग ने इस मामले में शीर्ष अदालत में कैविएट दाखिल कर रखी थी कि उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ कोई अपील दायर होने की स्थिति में उसका पक्ष सुना जाना चाहिए. कैविएट एक न्यायिक प्रक्रिया है जिसके तहत मुकदमे से संबंधित किसी भी पक्षकार को एकतरफा आदेश प्राप्त करने से रोकने के लिये आवेदन दायर किया जाता है.
पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद कहा, ‘चूंकि प्रतिवादी (आयकर विभाग) ने उपस्थिति दर्ज करायी है, हम औपचारिक नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं. हालांकि, हम मामले की अंतिम सुनवाई के लिये चार दिसंबर की तारीख निर्धारित कर रहे हैं.’
कांग्रेस नेताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल और अरविन्द दातार पेश हुये. चिदंबरम ने जब आयकर विभाग के मामले के संदर्भ में इसकी पृष्ठभूमि बताने की कोशिशि की तो बेंचने कहा, ‘इसकी पृष्ठभूमि से हमारा सरोकार नहीं है परंतु सवाल इनकम टैक्स के दोबारा ऐेसेसमेंट के लिये नोटिस (आयकर विभाग द्वारा जारी) के बारे में है. सवाल यह है कि क्या यह नोटिस वैध है या नहीं.’
इनकम टैक्स विभाग की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राहुल और सोनिया गांधी और फर्नाण्डीज द्वारा उठाया गया मुद्दा गलत है. इस पर पीठ ने कहा कि याचिकाओं में उठाये गये मुद्दे पर विचार की जरूरत है.
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि इसके लिये दो विकल्प है. पीठ ने कहा एक विकल्प है कि, ‘हम नोटिस जारी करेंगे परंतु हम कहेंगे कि टैक्स एसेसमेंट अधिकारी टैक्स निर्धारण कार्यवाही आगे बढ़ाए. हालांकि, उसके अंतिम निर्णय पर अमल नहीं किया जायेगा और उसे इस कोर्ट के सामने रखा जायेगा.’ दूसरा विकल्प यह है कि हम दो हफ्ते बाद इसकी सुनवाई करेंगे और आप सभी हमारी मदद कर सकते हैं. उच्च न्यायालय का फैसला लंबा है.’’
हाई कोर्ट ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी का 2011-12 के टैक्स निर्धारण फिर से करने के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी.
कांग्रेस नेताओं के खिलाफ आयकर विभाग की जांच भाजपा नेता सुब्रमणियन स्वामी द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले के सिलसिले में दायर निजी शिकायत की जांच से निकली है. नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के तीनों नेता इस समय जमानत पर हैं. सोनिया गांधी और राहुल गांधी को निचली अदालत ने 19 दिसंबर, 2015 को जमानत दी थी.