नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग अदालती आदेशों का उल्लंघन करने पर गुरुवार को आम्रपाली समूह के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सहित तीन निदेशकों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करके उनसे चार हफ्ते में जवाब मांगा.


जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की एक पीठ ने तीनों निदेशकों अनिल कुमार शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार से नोएडा सेक्टर 62 के थाना प्रभारी (एसएचओ) के सामने कल सुबह आठ बजे से पहले पेश होने को कहा. पीठ ने नोएडा पुलिस को इन तीनों को सील की गई संपत्तियों पर ले जाने का निर्देश दिया जहां आम्रपाली ग्रुप की 46 कंपनियों के दस्तावेजों को लिस्टेड किया जाएगा.

पीठ ने नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को तीनों निदेशकों को शाम छह बजे के बाद होटल पार्क एसेंट ले जाने का निर्देश भी दिया जहां उनके मोबाइल फोन जब्त किये जाएंगे और पुलिस हवालात की जगह वह अगले 15 दिन तक होटल में रात गुजारेंगे. अदालत ने कहा कि वह होटल में पुलिस निगरानी में रहेंगे यानी हाउस अरेस्ट रहेंगे.

शीर्ष अदालत ने कहा कि दस्तावेजों की लिस्टिंग करने के लिए आम्रपाली समूह की नोएडा और ग्रेटर नोएडा स्थित सील की गईं संपत्तियों को अगले 15 दिन तक सुबह आठ से शाम छह बजे तक खोला जाएगा. पीठ ने दो फॉरेंसिक ऑडिटरों रवि भाटिया और पवन कुमार अग्रवाल से अगले दस सप्ताह में आम्रपाली समूह की 46 कंपनियों के लेखे जोखे और कामकाज की जांच का काम पूरा करने को कहा.

इससे पहले, समूह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अदालत के आदेश के अनुरूप नोएडा, ग्रेटर नोएडा और बिहार के बक्सर और राजगीर में उनकी नौ संपत्तियों को सील किया गया है.

शीर्ष अदालत ने कल इस संकटग्रस्त कंपनी की नौ संपत्तियों को सील करने का आदेश उस समय दिया था जब पुलिस हिरासत में मौजूद तीन निदेशकों ने कहा कि समूह की 46 फर्मों से संबंधित दस्तावेज वहां रखे हुए हैं. तीन डायरेक्टर्स ने अदालत के सामने आवेदन देकर कहा था कि वे सभी दस्तावेज सौंपना चाहते हैं लेकिन पुलिस को यह नहीं पता कि किन दस्तावेजों को जब्त करने की जरूरत है.

डायरेक्टर्स को नौ अक्टूबर को पुलिस हिरासत में भेजा गया था और सभी दस्तावेजे फॉरेसिंक ऑडिटरों को सौंपने के उसके आदेशों के अनुपालन को लेकर अदालत के साथ ‘‘लुका-छिपी’’ खेलने पर फर्म को आड़े हाथ लिया गया था.

इन निदेशकों ने पीठ से कहा था कि आम्रपाली की 46 कंपनियों से संबंधित दस्तावेज नोएडा, ग्रेटर नोएडा के सात स्थानों और बिहार के राजगीर और बक्सर जिलों में दो परिसरों में रखे हुए हैं. इसके बाद पीठ ने निर्देश दिया था कि इन नौ परिसरों को सील करके इनकी चाबी शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार को सौंपी जाए.

अदालत घर खरीददारों द्वारा दायर याचिकाओं पर विचार कर रही है. इन याचिकाओं में आम्रपाली समूह के प्रोजेक्ट में बुक किये गये करीब 42 हजार फ्लैटों का कब्जा देने की मांग की गई है.