नई दिल्ली: जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले अंग्रेज़ी के अलावा 6 भाषाओं में उपलब्ध होंगे. ये भाषाएं हैं- हिंदी, तेलगु, कन्नड़, असमिया, मराठी और उड़िया. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर ये सुविधा इस महीने के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है. 2017 में कोच्चि में आयोजित जजों के एक सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम लोगों के लाभ के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले मुहैया करने का सुझाव दिया था. इसके बाद चीफ जस्टिस के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था.


पिछले साल 2 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट कवर करने वाले पत्रकारों से मुलाकात के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने याचिकाकर्ताओं को प्रादेशिक भाषा में फैसलों के अनुवाद मुहैया कराने की कोशिश की जानकारी दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट के सॉफ्टवेयर विंग ने इसके लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित कर लिया है. बताया जा रहा है कि चीफ जस्टिस ने इसे औपचारिक मंजूरी दे दी है.


कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शुरू में जिन 6 भाषाओं को अनुवाद उपलब्ध कराने के लिए चुना गया है, उसका आधार हाईकोर्ट से आने वाली अपील की मात्रा है. यानी जिन राज्यों से सबसे ज़्यादा अपीलें सुप्रीम कोर्ट में आती हैं, उन राज्यों में बोली जानी वाली भाषाओं को शुरुआत के लिए चुना गया गया. बाद में दूसरी भाषाओं में भी अनुवाद की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.


शुरू में व्यक्तिगत मुकदमों से जुड़े फैसलों का अनुवाद किया जाएगा. ये मुकदमे संपत्ति, मकान मालिक-किरायेदार विवाद और वैवाहिक झगड़े जैसे सिविल श्रेणी के होंगे. इसके अलावा आपराधिक मुकदमों के फैसलों का अनुवाद भी क्षेत्रीय भाषा में किया जाएगा.


किसानों को मोदी सरकार का गिफ्ट, सोयाबीन, तूअर-उड़द दाल जैसे खरीफ फसलों की MSP बढ़ाई


यह भी देखें