नई दिल्लीः शाहीन बाग में दूसरे दिन भी प्रदर्शनकारियों और वार्ताकारों के बीच बातचीत बेनतीजा रही. दोपहर करीब 4:00 बजे संजय हेगडे और साधना रामचंद्रन प्रोटेस्ट की जगह पर पहुंचे और एक बार फिर से लोगों से बातचीत हुई. वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से साफ कहा कि सीएए और एनआरसी का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन फिलहाल अभी बातचीत उस रोड को लेकर है जिस पर लोगों का आंदोलन चल रहा है और हजारों लाखों दूसरे लोग इसके बंद होने के चलते परेशान हो रहे हैं. अगर बातचीत असल मुद्दे पर हो तो ही कोई हल निकल पाएगा. जिसके बाद एक बार फिर करीब 2 घंटे तक प्रदर्शनकारी अपनी बात दोनों वार्ताकार के सामने रखते रहे.संजय हेगड़े ओर साधना रामचंद्रन ने 3 प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ उन जगहों का मुआयना किया जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुईं थी.
बातचीत तभी होगी जब प्रदर्शनकारियों का कोई डेलिगेशन बात करेगा
वार्ताकारों ने शाहीन बाग के मंच से प्रदर्शनकारियों को यह साफ कर दिया की इस तरीके से खुले मंच पर बातचीत नहीं हो सकती और ना ही कोई हल निकल सकता है. अगर प्रदर्शनकारी दस दस के ग्रुप में अलग जगह बातचीत करेंगे तभी आगे बातचीत होगी. नहीं तो हम दोबारा यहां नहीं आएंगे. प्रदर्शनकारी पिछले 2 दिन से यही बात कह रहे थे की रोड पुलिस की वजह से बंद है. पुलिस ने 3 अलग जगह बैरिकेड लगाकर ठीक रास्ते को बंद किया हुआ है. पुलिस अगर उन रास्तों को खुलवा दे तो लोगों की समस्या का हल हो जाएगा और शाहीन बाग से प्रदर्शन भी जारी रह सकता है.
वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में मामला इस सड़क के बंद होने को लेकर है ना कि और सीएए और एनआरसी को लेकर. संजय हेगडे और साधना रामचंद्रन ने जब प्रदर्शनकारियों से पूछा कि क्या आप शाहीन बाग की किसी और जगह पर बैठकर अपना प्रदर्शन जारी रखना चाहेंगे? इससे आपका प्रदर्शन शाहीन बाग से ही चलता रहेगा और लोगों को कोई दिक्कत भी नही होगी, तभी प्रदर्शनकारियों ने एक सुर में उनकी इस बात को मानने से इंकार कर दिया. लोगों का कहना था कि हम लोग सड़क से नहीं हटेंगे.
क्या शुक्रवार को फिर होगी बातचीत? सवाल है कायम
संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन बातचीत के बाद उन जगहों का जायज़ा करके वापस चले गए जहां पर प्रदर्शनकारियों का दावा था की बैरिकेडिंग पुलिस की तरफ से की गई है और अगर यह बैरिकेड हट जाए तो रास्ता साफ हो सकता है. वार्ताकार उन जगहों को देखकर वापस निकल गए. हालांकि वार्ताकारों की तरफ से ये साफ कर दिया गया तब कि जब तक प्रदर्शनकारियों की तरफ से कोई डेलिगेशन नहीं बनता तब तक आगे बातचीत नहीं होगी. अब यह देखना होगा कि क्या प्रदर्शनकारी कोई डेलिगेशन बनाते हैं. क्या शुक्रवार को एक बार फिर से बातचीत होगी या फिर यह पूरी बातचीत बेनतीजा ही जाएगी.
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