Supreme Court On Remdesivir: कोरोना के इलाज के लिए रेमडेसिविर (Remdesivir) के इस्तेमाल के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज की है. 2020 में दाखिल इस याचिका में कहा गया था कि मीडिया के ज़रिए इन दवाओं का प्रचार कर के लोगों को ठगा जा रहा है.


सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि दो दवाओं- रेमेडिसविर और फेविपिरविर को नियामक अधिकारियों से मंजूरी के बिना कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए प्रचारित किया जा रहा था. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की एक और बेंच ने अक्टूबर 2020 में केंद्र को नोटिस जारी किया था. 


कोविड-19 के इलाज के लिए रेमडेसिविर और...


दरअसल, अक्टूबर 2021 में वकील एमएल शर्मा की उस याचिका पर कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा था जिसमें बिना मंजूरी के कोविड-19 के इलाज के लिए रेमडेसिविर और फेविपिरवीर ड्रग के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था.


अदालत द्वारा जांच नहीं की जा सकती- पीठ


भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरशिमा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि इन मुद्दों की अदालत द्वारा जांच नहीं की जा सकती है. वहीं, याचिकाकर्ता ने डब्लूएचओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा कर कहा था कि रेमडेसिविर को लेकर कई ट्रायल हुए और जो सामने आया वो ये कि इस दवा का या तो बहुत जरा या बिल्कुल भी असर कोविड-19 के इलाज में नहीं दिखा है. एमएल शर्मा ने दावा कर ये भी कहा कि कोई भी रिपोर्ट इस बात को नहीं दर्शाती कि रेमेडिसविर किसी भी प्रकार से कोरोना के इलाज के लिए सफल है.


दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के वक्त से रेमेडिसविर और फेविपिरविर दोनों दवाओं को लेकर मेडिकल एक्सपर्ट्स के बीच डिबेट रही है. 


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