नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और पुराना निर्माण गिराने पर लगे बैन का उल्लंघन करते पाए जाने वाले पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं कचरा जलाने पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. कोर्ट नगर निकायों को कचरे के खुले डंपिंग को रोकने का भी निर्देश दिया है.


इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह शुक्रवार तक डेटा या रिकॉर्ड यह साबित करे कि ऑडी स्कीम से दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ है, जब ऑटो/ टैक्सी सड़कों पर दौड़ रही हैं.





प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती


सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर सख्ती दिखाई और राज्य सरकारों  को फटकार लगाई. कोर्ट ने बुधवार तक पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पेश होने के लिए कहा है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने की एक भी घटना न हो. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर ऐसा होता है तो चीफ सेक्रेटरी से लेकर ग्राम पंचायत तक एक-एक अधिकारी का दोष माना जाएगा.


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इससे पहले कोर्ट ने कहा हर साल 15 दिन तक दिल्ली का दम घुटता है. घर के अंदर तक कि हवा शुद्ध नहीं है. तमाम राज्य सरकारें बस चुनाव में व्यस्त रहती हैं. कोई फसल जलाता है, सब उसका नतीजा भोगते हैं. लोगों के जीवन के अधिकार का हनन हो रहा है. पर्यावरण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ को बुलाएं. हम समाधान जानना चाहते हैं.


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