इंटरनेट पर रेप और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो पर SC सख्त, कमिटी बनाने का दिया आदेश
नई दिल्ली: इंटरनेट पर रेप और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो की रोकथाम के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक हाईपावर्ड कमिटी बनाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने गूगल, याहू, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक को ये निर्देश दिया है कि वो अपने विशेषज्ञों को कमिटी के साथ बैठक के लिए भेजें.
वीडियो की रोकथाम के ठोस तरीके
कोर्ट ने कहा है कि कमिटी और इंटरनेट कंपनियां मिलकर ऐसे वीडियो की रोकथाम के ठोस तरीके निकालें. इन तरीकों को सख्ती से लागू किया जाए. ये निर्देश एनजीओ प्रज्ज्वला की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.
दरअसल, 2 साल पहले एनजीओ ने तत्कालीन चीफ जस्टिस एच एल दत्तू को एक चिट्ठी और वीडियो भेजा था. सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा वीडियो रेप का था. इस पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू की थी. कोर्ट पहले ही वीडियो बनाने और फैलाने के दोषियों पर कार्रवाई का आदेश दे चुका है. अब ऐसे वीडियो का प्रसार रोकने पर सुनवाई चल रही है.
हाईपावर्ड कमिटी के गठन का आदेश
मामले की सुनवाई का रही जस्टिस एमबी लोकुर और यूयू ललित की बेंच पहले भी इंटरनेट कंपनियों और सरकार से सख्त सवाल कर चुकी है. आज कोर्ट ने सरकार को जल्द कार्रवाई के लिए एक हाईपावर्ड कमिटी के गठन का आदेश दे दिया.
गौरतलब है कि 50 देश चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने के लिए हॉटलाइन से जुड़े हैं. शिकायत मिलने पर आपत्तिजनक कंटेंट को ब्लॉक कर दिया जाता है. लेकिन भारत अभी तक ऐसी हॉटलाइन से नहीं जुड़ा है. सरकार ने सोशल नेटवर्क पर आपत्तिजनक वीडियो को रोकने के लिए किसी एजेंसी का भी गठन नहीं किया है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश बलात्कार और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के घृणित वीडियो का प्रसार रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है.