Agusta Westland Case: 3600 करोड़ के ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने CBI और ED से कड़ा सवाल किया है. कोर्ट ने पूछा है कि 4 साल से अधिक समय से जेल में बंद मिशेल को क्या सिर्फ इसलिए जमानत न दी जाए कि वह विदेशी है? कोर्ट का कहना था कि जो तथ्य कोर्ट के सामने रखे गए हैं, उनमें किसी भी अन्य भारतीय नागरिक को रिहा कर दिया जाता.


2006 और 2007 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय हुए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर (VVIP Helicopter) खरीद में हज़ारों करोड़ रुपये के घोटाले की बात 2013 में सामने आई थी. तब तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सलाहकार स्वर्गीय अहमद पटेल समेत कई वरिष्ठ लोगों को रिश्वत दिए जाने का आरोप लगा था. घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को दिसंबर, 2018 में दुबई (UAE) से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था.


मिशेल ने दाखिल याचिका में क्या कहा 


मिशेल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि उसने 4 साल से अधिक का समय जेल में बिता लिया है. उसके प्रत्यर्पण के समय जो धाराएं UAE सरकार को बताई गई थीं, उनमें अधिकतम 5 साल तक की ही सज़ा है. ब्रिटिश नागरिक के वकील ने यह भी कहा कि घोटाले के कई आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जा चुका है. लेकिन उसे जांच ने सहयोग करने की शर्त पर भी रिहा नहीं किया जा रहा है.


इसका जवाब देते हुए जांच एजेंसी के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने कहा, "मिशेल को काफी प्रयासों के बाद भारत लाया गया. चार्जशीट में उसके खिलाफ IPC की धारा 467 समेत कई धाराएं जोड़ी गई हैं. इनमें उम्रकैद तक की सज़ा हो सकती है." राजू ने यह भी कहा कि UAE के साथ हुई प्रत्यर्पण संधि में इसका प्रावधान है कि आरोपी पर बाद में भी धाराएं लगाई जा सकती हैं.


हज़ारों पन्ने के दस्तावेज, सैकड़ों लोगों की गवाही होनी है


इस पर 2 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, "कानूनन किसी व्यक्ति पर उन्हीं धाराओं में मुकदमा चल सकता है, जिनके तहत उसका प्रत्यर्पण किया गया है. लेकिन आप कह रहे हैं कि आपकी प्रत्यर्पण संधि में अलग प्रावधान हैं. हमें इस पर विचार करना होगा."


चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि मुकदमे के दौरान मामले से जुड़े हज़ारों पन्ने के दस्तावेज देखे जाने हैं. सैकड़ों लोगों की गवाही होनी है. इन सब में काफी समय लगेगा. अगर मिशेल जैसी स्थिति किसी भारतीय नागरिक की होती, तो उसे रिहा कर दिया जाता. कोर्ट ने दोनों पक्षों को संक्षिप्त नोट जमा करवाने को कहा. जजों ने कहा कि जनवरी के दूसरे हफ्ते में दोनों पक्षों को सुन कर मामले पर आदेश दिया जाएगा.


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