नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के निर्माण, बिक्री और चलाने पर दिशानिर्देशों को स्पष्ट नहीं करने पर दिल्ली सरकार की निंदा की है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से हैरानी जताते हुए कहा गया है कि वह इस मुद्दे पर उसका आदेश क्यों चाहती है.


न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सवाल किया, ‘‘मानिए कि हम कुछ नहीं कहते हैं, तो क्या आप कहेंगे कि आप यह नहीं करेंगे. हम यह नहीं समझ पा रहे कि आपको सुप्रीम कोर्ट से आदेश की जरूरत क्यों है? क्या आप ऐसा कुछ करने के लिए हमसे आदेश चाहते हैं जो आपको खुद ही करना चाहिए.’’


पीठ ने ये टिप्पणियां उस समय कीं जब उसने दिल्ली सरकार के वकील से दिशानिर्देश के बारे में पूछा. वकील ने पहले कहा कि वह इस मुद्दे पर निर्देश प्राप्त करेगी, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पटाखों के दुष्प्रभाव के बारे में स्कूलों के छात्रों को जानकारी देने की योजना बना रही है.


इस पीठ में न्यायमूर्ति पी सी पंत और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता शामिल थे. वकील ने पीठ को जानकारी दी कि सरकार दिशानिर्देश तय करने के पहलुओं पर गौर कर रही है और वह शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर करेगी.


इस बीच, एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के प्रदूषण से पर्यावरण पर असर पर ‘‘अस्पष्टता के लिए’’ केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सामग्री सुरक्षा संगठन को आडे हाथ लिया.


न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिवाली और दशहरा के उत्सव के समय विशेषकर पटाखे से दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण पर चिंता जताई और कहा कि अधिकारियों को पटाखा उद्योगों के नियमन के लिए कदम उठाने को कहा गया है.