नई दिल्लीः NEET और JEE की परीक्षाओं को स्थगित करने का आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. ऐसे में यह परीक्षाएं सितंबर में होनी तय हो गई हैं. राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल और इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए होने वाली इन परीक्षाओं को कोरोना के मद्देनजर टालने की मांग की गई थी. लेकिन कोर्ट ने कहा, "छात्रों का एक कीमती साल यूं ही बर्बाद नहीं होने दिया जा सकता है."
11 छात्रों ने दायर की थी याचिका
सायंतन बिस्वास समेत 11 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 1 से 6 सितंबर के बीच JEE (मेन) और 13 सितंबर को NEET की परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है. देश में जिस रफ्तार से इस समय कोरोना फैल रहा है; उसके मद्देनजर अभी परीक्षा का आयोजन छात्रों और उनके परिवार को स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए, स्थिति सामान्य होने तक परीक्षा स्थगित कर दी जाए.
क्या इस देश में सब कुछ रोक दिया जाए-सुप्रीम कोर्ट ने कहा
यह मामला आज सुनवाई के लिए जस्टिस अरुण मिश्रा, बी आर गवई और कृष्ण मुरारी की बेंच में लगा. सुनवाई की शुरुआत में ही बेंच के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, “क्या इस देश में सब कुछ रोक दिया जाए? छात्रों का एक कीमती साल यूं ही बर्बाद हो जाने दिया जाए? देश में तमाम चीजें धीरे-धीरे खुल रही हैं. इंजीनियरिंग और मेडिकल की यह परीक्षाएं बहुत अहम हैं. इनका होना भी जरूरी है.“
छात्रों को खतरा नहीं होने दिया जाएगा-तुषार मेहता
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने कुछ बोलने की कोशिश की लेकिन कोर्ट ने पहले सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया. NEET और JEE की परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था NTA के लिए पेश हुए मेहता से कोर्ट ने पूछा, “आपका इस इस याचिका पर क्या कहना है?” मेहता ने जवाब दिया, “परीक्षाओं का आयोजन बहुत जरूरी है. इन्हें नहीं रोका जा सकता है. छात्रों की सुरक्षा के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं. उन्हें खतरा नहीं होने दिया जाएगा.“
कोरोना वैक्सीन के आने तक परीक्षा टालने की मांग हुई
इसके बाद वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा, “हम छात्रों का पूरा साल बर्बाद कर देने की बात नहीं कह रहे हैं. सिर्फ कुछ समय के लिए परीक्षा टालने की मांग है. प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के अपने संबोधन में कहा है कि जल्द ही कोरोना की वैक्सीन आ जाने की उम्मीद है. हमारी प्रार्थना है कि तब तक के लिए परीक्षा को रोक दिया जाए.“
जज नहीं हुए दलीलों से संतुष्ट-कोर्ट ने खारिज की याचिका
लेकिन जज इन दलीलों से संतुष्ट नहीं हुए. कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, “NTA के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल ने छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है. उनके बयान के बाद हम इस मामले में आगे सुनवाई की कोई जरूरत नहीं समझते हैं.“