नई दिल्ली: असम एनआरसी को अंतिम रूप देने की समय सीमा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. SC ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) की अंतिम रिपोर्ट बनाने की कवायद को 31 जुलाई, 2019 की समयसीमा में ही पूरा किया जाना है. 31 जुलाई की समय सीमा बढ़ाने से SC ने साफ इनकार कर दिया है.


बता दें कि कोर्ट का फैसला तब आया है जब असम की सरकार ने एनआरसी की अंतिम रिपोर्ट बनाने की डेडलाइन बढ़ाने की अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में एनआरसी में नामों को शामिल करने और आपत्तियां दर्ज करने की अंतिम तारीख 15 दिसंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2018 कर दी थी.






सुप्रीम कोर्ट ने असम के चीफ सेक्रेटरी, राज्य के एनआरसी कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला और चुनाव आयोग को अगले 7 दिनों में बैठक करने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि बैठक कर के वो इस बात को सुनिश्चित करें कि कैसे एनआरसी सत्यापन और लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया एक साथ जारी रह सकती है.


मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता यह सुनिश्चित करेंगे कि बैठक सात दिनों के भीतर आयोजित की जाए. बैठक का जो भी परिणाम हो उसके बारे में शीर्ष अदालत को 5 फरवरी को सूचित किया जाए. जब मामले को फिर से बेंच में ले जाया जाएगा.


अदालत को आज यह सूचित किया गया कि एनआरसी के मसौदे से जिन 40 लाख लोगों के नाम नहीं थे उन में से 32.2 लाख लोगों ने अंतिम एनआरसी में अपने नाम को शामिल करने का दावा किया है. इसके साथ ही NRC के मसौदे में शामिल लगभग दो लाख नामों के खिलाफ आपत्तियां दर्ज की गई हैं. कोर्ट ने बताया कि इस मामले पर सुनवाई 15 फरवरी से शुरू होगी.