नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग को मिले 10 प्रतिशत आरक्षण के एक मामले में छात्रों को इसका लाभ लेने से रोक दिया है. मामला महाराष्ट्र के पीजी मेडिकल कॉलेजों में इस साल के दाखिले से संबंधित है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला देते हुए कहा कि सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ शैक्षणिक सत्र 2019-20 में महाराष्ट्र के पीजी मेडिकल कोर्स में दाखिले पर लागू नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरक्षण का लाभ इस साल छात्रोंं को इसलिए नहीं दिया जा सकता है क्योंकि राज्य के इन कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया आर्थिक आरक्षण के लागू होने से पहले ही शुरू हो गई थी.


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा दाखिला प्रक्रिया में ईडब्ल्यूएस के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. खेल शुरू होने के बाद आप खेल का नियम नहीं बदल सकते हैं.’’ पीठ ने कहा, "ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दूसरों की कीमत पर नहीं दिया जा सकता है. जब तक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) अतिरिक्त सीटों का सृजन नहीं करती है, यह कोटा लागू नहीं हो सकता."


आरक्षण लागू होने से पहले शुरू हुई थी दाखिले की प्रक्रिया

बेंच ने कहा कि पीजी मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिले की प्रक्रिया नवंबर 2018 में शुरू हो गई थी जबकि ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए 103वां संविधान संशोधन जनवरी 2019 में पारित हुआ है. पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने पीजी मेडिकल कॉलेजों में 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण मार्च 2019 में लागू किया.


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