नई दिल्ली: कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व जज सी एस कर्नन को राहत देने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. अवमानना के लिए 6 महीने की सज़ा पाने वाले कर्णन को कल तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार किया गया था. आज सुप्रीम कोर्ट के 2 जजों की बेंच ने जस्टिस कर्णन की अंतरिम जमानत की अर्जी ठुकराते हुए कहा कि "सज़ा 7 जजों की बेंच ने दी थी. वही इस तरह की अर्ज़ी पर विचार कर सकते हैं"


क्या हैं जस्टिस कर्णन पर आरोप ?
जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 20 जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सीधे प्रधानमंत्री मोदी को एक खुला पत्र लिखा था. इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अवमानना का दोषी मानते हुए उनकी सभी विधायी शक्तियां छीन ली थीं.


सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के खिलाफ वॉरंट भी जारी किया और सभी निचली अदालतों को आदेश दिया था कि कर्णन के किसी भी आदेश पर संज्ञान न लें. इस सबसे इतर जस्टिस कर्णन लगातार अपने घर से फैसले सुनाते जा रहे थे. सुप्रीम ने उनकी मानसिक जांच के भी आदेश दिए थे, इसके लिए जस्टिस कर्णन ने इनकार कर दिया.


सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने की सजा सुनाते हुए मीडिया को जस्टिस कर्णन के बयानों को न छापने का आदेश भी दिया था.