नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से हाल ही में राफेल डील फैसले पर की गई उनकी टिप्पणी को लेकर सोमवार तक सफाई मांगी है. इस मामले में मंगलवार 23 मई को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''हम यह स्पष्ट करते हैं कि राफेल मामले में दस्तावेजों को स्वीकार करने के लिए उनकी वैधता पर सुनवाई करते हुए इस तरह की टिप्पणियां करने का मौका कभी नहीं आया.''
दरअसल, बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने 12 अप्रैल को राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी. लेखी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने टिप्पणी की थी कि ‘‘अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया, चौकीदार चोर है.’’
उन्होंने याचिका में कहा कि 'चौकीदार चोर है' के अपने बयान को सुप्रीम कोर्ट के बयान की तरह पेश किया. राफेल मामले में गोपनीय दस्तावेज को भी बहस का हिस्सा बनाने के कोर्ट के फैसले को गलत तरीके से पेश किया.
10 अप्रैल को राफेल मामले में केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा था. सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका की सुनवाई में उन दस्तावेजों को भी देखने का फैसला किया जिसमें केंद्र ने गोपनीय बता कर पेश किए जाने पर एतराज़ किया था.
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, ''कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चीट मिल चुकी है. पर आज सुप्रीम कोर्ट में साबित हो गया है कि चौकीदार जी ने चोरी करवाई है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राफेल मामले में कोई ना कोई भ्रष्टाचार हुआ है.'' राहुल गांधी के इसी बयान पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है.