नई दिल्ली: केंद्र सरकार एससी/एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए एक अध्यादेश का मसौदा तैयार कर रही है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि कानून मंत्रालय इस मसौदे पर काम कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा. इस मामले को लेकर केन्द्र सरकार ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर की है.
हालांकि केंद्रीय कैबिनेट के सामने अध्यादेश लाने को लेकर अब तक फैसला नहीं किया गया है. सूत्रों ने बताया कि ये इस बात पर निर्भर करेगा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से जारी पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कैसी सुनवाई होती है. उन्होंने कहा कि चूंकि पुनर्विचार याचिका पर तुरंत फैसला आने की संभावना नहीं है और हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में नहीं आए, इसलिए सरकार पहले से मसौदा तैयार करने में जुट गई है.
विभिन्न स्तरों पर सरकार के भीतर चल रहे मंथन से वाकिफ सूत्रों ने कहा कि मौलिक प्रावधानों को बहाल करने के लिए अध्यादेश लाने से लोगों का आक्रोश कम करने में मदद मिल सकती है. सूत्रों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलटने के लिए सरकार के समक्ष दूसरा विकल्प यह है कि जुलाई में संसद के मानसून सत्र के दौरान एक विधेयक लाकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 में संशोधन करे.
एससी-एसटी कानून को कथित तौर पर कमजोर करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दलित संगठनों ने दो अप्रैल को 'भारत बंद’ कराया था. भारत बंद के हिंसक हो जाने के बाद कई लोग मारे गए थे. विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना की थी.