नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन और कोरोना के चलते सेक्स वर्कर्स को हो रही दिक्कतों पर संज्ञान लिया है. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से सेक्स वर्कर्स की सहायता पर विचार करने के लिए कहा है. अगले हफ्ते मामले की सुनवाई होगी.


आज मामले की थोड़ी देर चली सुनवाई के दौरान जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने माना कि लॉकडाउन और कोरोना के चलते सेक्स वर्कर्स भारी दिक्कत में हैं. कोर्ट ने कहा कि इन लोगों के पास राशन कार्ड न हो, तब भी राज्य सरकारों को इनकी तुरंत मदद करनी चाहिए.


कोर्ट ने सभी राज्यों से मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. जजों ने कहा कि हाल के दिनों में कई राज्यों ने किन्नरों की सहायता की है. ऐसा ही सेक्स वर्कर्स के लिए किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने देश की सेक्स वर्कर्स की बदहाली पर आज से 10 साल पहले खुद ही संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी.


2010 में कोर्ट ने कोलकाता के रेड लाइट एरिया में एक सेक्स वर्कर का सिर दीवार से पटक कर हत्या कर दिए जाने के मामले को सुनते हुए सेक्स वर्कर्स की स्थिति सुधारने पर सुनवाई को जरूरी माना था. कोर्ट ने मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. तब से लेकर सुप्रीम कोर्ट कई बार सेक्स वर्कर्स के पुनर्वास और उनकी सहायता को लेकर निर्देश जारी कर चुका है.


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