नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.


गौरतलब है कि एनजीओ कॉमन कॉज़ ने वकील प्रशांत भूषण के जरिए दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार ने एक के बाद एक कदम पूरी तरह मनमाने और गैर कानूनी तरीके से उठाए. याचिका में दावा किया गया है कि सरकार ने चयन समिति की कोई बैठक नहीं बुलायी जिसमें प्रधानमंत्री, सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता और भारत के चीफ जस्टिस शामिल होते हैं .


हालांकि सरकार को पूरी तरह इस बात की जानकारी थी कि अनिल सिन्हा दो दिसंबर को सीबीआई निदेशक पद से रिटायर हो रहे हैं. 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना को दो दिसंबर को जांच एजेंसी में अतिरिक्त निदेशक पद पर पदोन्नति दी गयी.


उसी समय सीबीआई के विशेष निदेशक आर के दत्ता को विशेष सचिव के तौर पर गृह मंत्रालय में भेज दिया गया. वह सीबीआई के शीर्ष पद के प्रमुख दावेदारों में से बताए जा रहे थे.


जनहित याचिका में दावा किया गया है कि सरकार ने दत्ता के कार्यकाल को समय से पूर्व समाप्त कर दिया और उन्हें सिन्हा के पद छोड़ने से मात्र दो दिन पहले 30 नवंबर को गृह मंत्रालय ट्रांसफर कर दिया गया.