Supreme Court: ट्रांसफर की धमकी मिलने का दावा करने वाले कर्नाटक HC के जज से SC ने कहा- 'हम मामले में आपके पिछले आदेश देखना चाहते हैं'
Supreme Court: कर्नाटक हाई कोर्ट के जज जस्टिस एच पी संदेश से सुप्रीम कोर्ट ने आग्रह किया है कि वह फिलहाल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के खिलाफ मामले की सुनवाई न करें.
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के जज जस्टिस एच पी संदेश से आग्रह किया है कि वह फिलहाल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के खिलाफ मामले की सुनवाई न करें. जस्टिस संदेश ने खुद ही संज्ञान लेते हुए यह सुनवाई शुरू की है. इस दौरान उन्होंने कई टिप्पणियां की हैं. उन्होंने यह भी दावा किया है कि उन्हें ट्रांसफर की धमकी मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने जज से 3 दिन तक मामले की सुनवाई न करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि वह गुरुवार को पूरे मामले पर विचार करेगा.
राज्य सरकार और ACB प्रमुख की याचिका
कर्नाटक सरकार और राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Courruption Bureau) के प्रमुख सीमांत कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जज की तरफ से लगातार की जा रही टिप्पणी और पारित किए जा रहे आदेश का मसला सुप्रीम कोर्ट में रखा था. राज्य सरकार तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया, "जज के सामने ज़मानत का एक केस गया था. उन्होंने ज़मानत पर कुछ नहीं कहा, लेकिन ACB के कामकाज में दिक्कत पर स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू कर दी. जज को संज्ञान लेने का अधिकार है लेकिन उसके बाद उन्हें मामला हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेज देना चाहिए था. चीफ जस्टिस रोस्टर के हिसाब से उचित बेंच को मामला सौंप देते.
खुली कोर्ट में पढ़ा अधिकारी का ACR
ADGP सीमांत कुमार सिंह के लिए पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि जस्टिस संदेश ने 2016 से एंटी करप्शन ब्यूरो की तरफ से मामले में की गई कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट मांगी. ब्यूरो की तरफ से बंद किए गए मामलों का ब्यौरा मांगा. यहां तक कि उन्होंने ADGP का सर्विस रिकॉर्ड (ACR) भी मंगा लिया. उसे खुली कोर्ट में पढ़ा गया. सुप्रीम कोर्ट में मामला आ जाने के बावजूद उन्होंने कल फिर कोई आदेश जारी कर दिया है जो अभी अपलोड नहीं हुआ है. उन्होंने बुधवार को भी मामले की सुनवाई तय की है."
14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
इस पर चीफ जस्टिस एन वी रमना ने कहा कि वह आदेश को देखना चाहेंगे. उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट के जज से अनुरोध किया कि वह 3 दिन तक अपनी सुनवाई स्थगित कर दें. चीफ जस्टिस ने 14 जुलाई को मामले पर सुनवाई की बात कही.
ट्रांसफर की धमकी का दावा
गौरतलब है कि कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस संदेश ने राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को 'वसूली केंद्र' कहा था. उन्होंने ACB प्रमुख सिंह को भी 'दागी अधिकारी' बताया था. उन्होंने यह भी कहा था कि आईपीएस सीमांत सिंह बहुत प्रभावशाली अधिकारी हैं. उनके दिल्ली में अच्छे संपर्क हैं. जज ने दावा किया था कि उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट के ही एक अन्य जज ने बताया है कि इस बारे में उनके पास दिल्ली से फोन आया था. उस फोन में यह भी कहा गया था कि उनका उसी तरह ट्रांसफर हो सकता है, जैसे पहले एक और जज का हो चुका है.
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