नई दिल्ली: वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि आज विश्वभर के हिंदुओं के लिए बहुत बड़ा दिन है और अत्यंत प्रसन्नता और समाधान का दिन है. शताब्दियों से चल रहा संघर्ष अनेक युद्ध असंख्य बलिदान उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने आज न्याय और सत्य इसको उद् घोषित किया है.


आलोक कुमार ने कहा कि 40 दिन और 200 घंटे की मैराथन सुनवाई की बाद आया ये फैसला है और बाधा डालने की सब प्रयत्नों को असफल करते हुए यह निर्णय विश्व के महानतम फैसलों के में से एक है. हिंदू समाज लगभग 70 वर्षों के न्यायिक संघर्ष के बाद सत्य की विजय हुई हम सुप्रीम कोर्ट के कृतज्ञ हैं.


स्वभाविक है कि विश्व भर में हिंदू समाज में अपार प्रसन्नता है परसों भाव से ही हिंदू अपनी मर्यादाओं में रहता है इसलिए हमको विश्वास है कि कहीं पर भी यह प्रसन्नता कोई आक्रमक रूप नहीं लेगी. किसी को अपमानित करने वाली बात नहीं होगी इसमें कोई पराजय हो गया है ऐसे भाव से काम नहीं करेंगे समाज का सौहार्द बना रहे इसका सब प्रयत्न करें.


उन्होंने कहा कि आज कृतज्ञता का भी दिन है उनके हाथ और अज्ञात राम भक्तों जिन्होंने इन संघर्षों में भाग लिया कष्ट सहे बलिदान किए अपने प्राण भी दिए उनके प्रति है. भारत का पुरातत्व विभाग जिनके प्रयासों और एक्सपर्टीज से उस भूमि के नीचे मंदिर था यह साबित हुआ वह सभी हिस्टोरियंस जिन्होंने इस बारे में साक्ष्य जुटाए और वह सभी वकील जिन्होंने मानव ने तपस्या करके इसमें बहस की उन सब के प्रति विश्व हिंदू परिषद कृतज्ञता व्यक्त करता है.


उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार से यह अपेक्षा करेंगे कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार वह आगे के कदम जल्दी उठाए . यह महत्वपूर्ण निर्णय भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण कदम है. मंदिर का जल्द से जल्द निर्माण होगा. इस बारे में सारी साक्ष्य प्रमाण देखकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय ले लिया है और इसलिए हम सबको उसका स्वागत करना चाहिए और उसको स्वीकार करना चाहिए. अभी फैसले की पूरी कॉपी हमारे पास उपलब्ध नहीं है पढ़ने के लिए समय चाहिए होगा निश्चित है कि मंदिर बनने में जो भी योगदान या व्यवस्था बनेगी वह सब 60% पिलर और शिलाएं तैयार हो गई हैं उसका उस मंदिर के लिए इस्तेमाल होगा. मैं आपको दोबारा कहता हूं कि विश्व हिंदू परिषद का संपूर्ण ध्यान राम जन्मभूमि का मंदिर बने भव्य और पूरा बने और इसके साथ देश में धर्म जागरण का काम हो इस पर है इसलिए और कोई मांग उठाने की हमें अभी फुर्सत नहीं है. विश्व हिंदू परिषद वैसे भी मंदिर नहीं बना रही है मंदिर कैसे बने यह प्रोसीजरल इशू है और विश्व हिंदू परिषद का इसमें कोई स्टेक नहीं है.