नई दिल्ली: राफेल मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट कल फैसला सुनाएगी. इसी मामले में गलतबयानी के लिए कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अवमानना को नोटिस जारी किया था. उस पर भी कल ही फैसला आएगा. राफेल पुनर्विचार याचिकाओं में कोर्ट से पिछले साल दिसंबर में दिए उस फैसले को बदलने की मांग की गई है, जिसमें कोर्ट ने फ्रांस के साथ हुए लड़ाकू विमान सौदे को सही करार दिया था. जबकि, राहुल गांधी को अवमानना का नोटिस कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से पेश करने के लिए जारी हुआ था.
पुनर्विचार की मांग
फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के सौदे को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 14 दिसंबर को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने माना था कि सौदा देशहित में है. इसमें किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई. इसी के खिलाफ याचिकाकर्ता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की. इन याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार ने सौदे के बारे में सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को जो जानकारी दी थी, उसमें गलत तथ्य थे. उनके आधार पर कोर्ट ने जो निष्कर्ष निकाला वो भी गलत था. सौदे की जांच होनी चाहिए.
राहुल गांधी का मामला
राफेल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोर्ट के एक आदेश को राहुल गांधी ने गलत तरीके से पेश किया था. इस साल 10 अप्रैल को कोर्ट ने कुछ ऐसे दस्तावेजों को सुनवाई का हिस्सा बनाने का आदेश दिया था, जिन्हें सरकार गोपनीय बता रही थी. लेकिन राहुल ने बयान दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने चौकीदार को चोर कहा है. कोर्ट ने मान लिया है कि पीएम ने अनिल अंबानी की जेब में 30 हज़ार करोड़ रुपए डाले हैं.
बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने याचिका दाखिल कर कोर्ट को राहुल के बयान की जानकारी दी. कोर्ट के आदेश को तोड़-मरोड़ कर पेश करने को अवमानना बताया. राहुल के बयान पर हैरानी जताते हुए कोर्ट ने कहा था, "हमने राफेल केस में एक कानूनी पहलू पर आदेश दिया था. हमारा नाम लेकर राहुल गांधी ने जो बातें मीडिया और जनता के सामने कहीं, वैसी कोई टिप्पणी हमारी नहीं है. इस पर राहुल सफाई दें."
कोर्ट के नोटिस का जवाब देते हुए राहुल ने माना था कि सुप्रीम कोर्ट ने पीएम को चोर नहीं कहा. ये उनकी पार्टी का राजनीतिक नारा है. चुनाव के गर्म माहौल में उन्होंने कोर्ट के आदेश की बात करते हुए गलती से इसे भी मिला दिया. उन्होंने इसके लिए माफी मांगी और कहा कि वो दोबारा ऐसा नहीं करेंगे. कोर्ट को यह तय करना है कि राहुल की माफी मंज़ूर करने लायक है या नहीं.