नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक कार्यक्रम में किसान सम्मान योजना की विधिवत शुरुआत करेंगे. इस योजना के तहत देशभर के किसानों के खाते में साल में छह हजार रुपए भेजे जाने हैं. ये रुपए दो-दो हज़ार रुपए की तीन किश्तों में भेजे जाएंगे. अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने किसानों के लिए इस योजना का एलान किया था.
कांग्रेस शासित राज्यों में काम सुस्त
योजना के तहत लाभार्थी किसानों की सूची तैयार करने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी गई है, क्योंकि ज़मीन का सरकारी रिकॉर्ड राज्य सरकारों के पास ही होता है. एबीपी न्यूज़ को मिली एक्सक्लुसिव जानकारी के मुताबिक, ज़्यादातर राज्यों ने अपने अपने यहां से योजना के पात्रों की सूची भेजना शुरू कर दिया है, लेकिन कांग्रेस और ग़ैर एनडीए शासित राज्यों में काम की रफ्तार बेहद सुस्त है.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश और राजस्थान के अलावा ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में योग्य लाभार्थियों की सूची तैयार करने का काम कछुए की चाल से चल रहा है. नतीजा ये होगा कि 24 फरवरी को पीएम मोदी की तरफ से योजना की शुरुआत के बाद जिन किसानों के खाते में पैसे भेजे जाएंगे, उनमें इन प्रदेशों से न के बराबर ही किसान शामिल होंगे.
यूपी और महाराष्ट्र में चल रहा है तेज़ी से काम
कृषि मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़, जिन राज्यों ने अपने यहां लाभार्थी योग्य किसानों की सूची तैयार करने में तेज़ी दिखाई है, उसमें उत्तर प्रदेश काफी आगे है. संभावना है कि 24 फरवरी को जिन किसानों के खाते में पैसे भेजे जाएंगे, उनमें सबसे ज़्यादा संख्या उत्तर प्रदेश की ही होगी. उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु ने भी सूची तैयार करने में काफ़ी रफ्तार से काम किया है. दरअसल राज्य सरकार जिन योग्य लाभार्थियों की सूची कृषि मंत्रालय को भेजेगी, पैसा उन्हीं के खाते में भेजा जाएगा.
जम्मू-कश्मीर के किसानों को भी मिलेगा पैसा
पुलवामा हमले के बाद सुर्खियों में चल रहे जम्मू कश्मीर में भी सूची तैयार करने में तेज़ी से काम हुआ है और ज़्यादातर लाभार्थी किसानों के नाम कृषि मंत्रालय के पास भेजे जा चुके हैं. मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक़, " जम्मू कश्मीर ने तेज़ी से काम किया है और उसपर पुलवामा जैसी आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं का कोई असर नहीं पड़ा है. राज्य प्रशासन ने ये भी भरोसा दिलाया है कि योजना के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए राज्य में विशेष कैम्प भी लगाए जाएंगे."
31 मार्च तक पैसा भेजा जाता रहेगा
वैसे मंत्रालय ने ये साफ किया कि 24 फरवरी को केवल शुरुआत हो रही है. इसका मतलब ये नहीं है कि उस दिन जिन किसानों के खाते में पैसे नहीं पहुंचे, उन्हें बाद में पैसा नहीं मिलेगा. योजना की विधिवत शुरुआत के बाद पैसा भेजने का काम शुरू हो जाएगा जो 31 मार्च तक चलता रहेगा. 1 अप्रैल से देशभर के किसान 2000 रुपए की एक और किश्त के हक़दार हो जाएंगे.
अंतिम चरण में तैयारी
योजना की शुरुआत के दिन देशभर के कितने किसानों के खाते में पैसे भेजे जाएंगे इसपर कृषि मंत्रालय में तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई. मंत्रालय के पास बुधवार शाम तक अलग-अलग राज्यों से करीब 2.20 करोड़ किसानों की सूची पहुंच चुकी है जो इस योजना का लाभ लेने के हकदार हैं. हालांकि इनमें कई नाम ऐसे हैं, जिनके खाते और बैंकों के आईएफसीआई कोड के मिलान में दिक्कत आई है जिसे फिर से मिलाया जा रहा है.
मसलन 18 और 19 फरवरी को सभी राज्यों से लगभग 1.1 करोड़ लाभार्थी किसानों के नाम प्राप्त हुए लेकिन उनमें करीब 20 लाख नामों और उनके बैंक खातों के मिलान में दिक्कत आ रही है जिसे दुरुस्त किया जा रहा है. ऐसे में पहले दिन कितने किसानों को पैसा भेजा जा सकेगा इसका अंतिम आंकड़ा गुरुवार शाम तक ही पता चल सकेगा. खातों में सीधे पैसा भेजने के लिए लाभार्थी का नाम, उसका बैंक खाता नम्बर और उस बैंक का आईएफसीआई कोड होना ज़रूरी बनाया गया है.
धूमधाम से होगी योजना की शुरुआत
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू हो रही इस योजना की शुरुआत भी भव्य करने की योजना है. मोदी सरकार और बीजेपी को उम्मीद है कि योजना से किसानों का वोट अपने पाले में करना आसान हो जाएगा. 24 फरवरी के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पंचायत और ब्लॉक स्तर से लेकर कृषि विश्विद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों में किया जाएगा.
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