कोरोना संकट: जम्मू कश्मीर में सरकारी स्कूलों के 8.30 लाख छात्रों के घर तक पहुंचाया जा रहा है मिड डे मील का राशन
सरकार प्रदेश के करीब 8.30 लाख सरकारी स्कूलों के छात्रों तक मिड-डे मील का राशन पहुंचा रही है. सरकार के मुताबिक राशन को लोगों तक पहुंचाने के लिए शिक्षक कोरोना से बचने के सभी प्रोटोकॉल्स का ध्यान रख रहे हैं.
जम्मू: जम्मू कश्मीर में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते सभी स्कूल पिछले करीब चार महीनों से बंद हैं. लेकिन, इस कोरोना काल में भी प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों तक मिड-डे मील का राशन पहुंचा रही है, ताकि इन बच्चों में कोरोना से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाया जा सके.
प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल इस विशेष मक़सद के लिए खुले हैं. सरकारी प्राइमरी स्कूलों में इन दिनों शिक्षक आ रहे हैं और अपने-अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के घरों तक मिड-डे मील पहुंचा रहे हैं.
सरकार की इस पहल के चलते प्रदेश के करीब 8.30 लाख सरकारी स्कूलों के छात्रों तक यह राशन पहुंचाया जा रहा है. कोरोना वायरस के दौरान सरकार की इस पहल का इन बच्चों के अभिभावक स्वागत कर रहे हैं. अपनी इस योजना को सफल बनाने के लिए जहां एक तरफ समग्र शिक्षा विभाग और मिड-डे मील के अधिकारी स्कूली शिक्षा विभाग के साथ मिल कर काम कर रहे हैं. वहीं, इस योजना को सफल बनाने के लिए अब सरकार चुने हुए पंचों और सरपंचों की भी मदद ले रही है.
इस योजना के तहत सरकार तीन तरीकों से राशन छात्रों तक पहुंचा जा रहा है. छात्र या उनके अभिभावक सीधे राशन की दुकान से या फिर स्कूल से राशन ले सकते हैं. अगर कोई छात्र या उसके अभिभावक किसी हालत में इन दोनों सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते तो उसके लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षक चुने हुए पंचों, सरपंचों या नगर निगम के पार्षदों के साथ मिलकर उनके घरों तक राशन पहुंचा रहे हैं.
समग्र शिक्षा के डायरेक्टर डॉ. अरुण मन्हास का दावा है कि सरकार मौजूदा कोरोना काल में 8.30 लाख सरकारी स्कूल के छात्रों तक इस सुविधा का लाभ पहुंचा रही है. इसके तहत स्कूली छात्रों तक चावल और पहले से तयशुदा मेन्यू के हिसाब से सब्जी, दाल और इसे पकाने पर आने वाले खर्च को अभिभावकों तक पहुंचाया जा रहा है. सरकार के मुताबिक इस सुविधा को लोगों तक पहुंचाने के लिए शिक्षक कोरोना से बचने के सभी प्रोटोकॉल्स का ध्यान रख रहे हैं.
सरकार का दावा है कि उनकी इस पहल से सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे इन बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ेगी, जिसका सीधा असर कोरोना के खिलाफ जारी जंग में होगा.
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