दुष्कर्म का दंश तो झेल गई नाबालिग, अब 'जालिम' बना स्कूल प्रबंधन
नई दिल्ली : 10वीं में पड़ने वाली एक मासूम लड़की बलात्कार की त्रासदी से तो जैसे तैसे उबर चुकी है. लेकिन, अब उसे एक और लड़ाई लड़नी है और वह भी अपने ही स्कूल के खिलाफ. लड़की के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि इस निजी स्कूल ने ‘बदनामी’ के डर से उनकी बच्ची को स्कूल में दाखिला देने से इंकार कर दिया है.
यह भी पढ़ें : दूसरी बार विवाह के बंधन में बंधेंगे संत भैय्यूजी महाराज, 30 अप्रैल को है शादी
बलात्कार के बाद उसे चलती कार से बाहर फेंक दिया गया
उन्होंने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाली उनकी बेटी को कुछ माह पहले (जब वह 10 वीं कक्षा में पढ़ रही थी) कथित तौर पर अगवा कर लिया गया. उसके साथ बलात्कार के बाद उसे चलती कार से बाहर फेंक दिया गया. लड़की उसी स्कूल में कक्षा 11 में फिर से दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती है.
यह भी पढ़ें : जांबाज को सलाम : इस देश की सरहद को कोई छू नहीं सकता, जब निगहबान हों ये आंखें...
उनसे कहा कि उनकी बेटी 11 वीं कक्षा में दाखिला तो ले सकती है, लेकिन
लड़की के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल ने उनसे कहा कि उनकी बेटी 11 वीं कक्षा में दाखिला तो ले सकती है. लेकिन, इस शर्त पर कि वह स्कूल नहीं आएगी क्योंकि इससे विद्यालय की प्रतिष्ठा ‘खराब’ होगी. अभिभावकों ने अब दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) से संपर्क किया, जिसने शिक्षा निदेशालय को एक नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा है.