ओडिशा के मलकानगिरी में स्कूली छात्रों ने खुद की सड़क की मरम्मत, स्कूल जाने में आ रही थी दिक्कतें
उड़ीसा के मलकानगिरी जिले के एक गांव में प्रसाशन से तंग आकर स्कूली छात्रों ने स्कूल को जाने वाली 2 किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत खुद की है. गांव के सरपंच का कहना है कि सड़क की मरम्मत के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगाई गई, लेकिन उन्होंने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया.
नई दिल्लीः सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में बीते साल तकरीबन 8,169 किलोमीटर लंबे हाइवे का निर्माण किया गया है. इस तरह रोजाना 28.16 किलोमीटर की औसत से हाइवे का निर्माण किया गया है. वहीं देश के एक हिस्से में स्कुल जाने वाले मासूम बच्चों ने खुद सड़क की मरम्मत कर एक मिसाल पेश की है.
छात्रों ने पेश की मिसाल
दरअसल अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक उड़ीसा के मलकानगिरी जिले के एक गांव के छात्रों के समूह ने सड़क की मरम्मत कर मिसाल पेश की है. छात्रों को खराब सड़क के कारण अपने स्कूल जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. जिसके लिए उन्होंने कई बार प्रशासन के सामने हाथ फैलाए. प्रसाशन के ढुल-मुल रवैये के कारण स्कूल की छात्रों ने खुद ही सड़क की मरम्मत का काम पूरा किया है.
दो किलोमीटर लंबी सड़क की हुई मरम्मत
यहां तालकट्टा सरकारी स्कूल के छात्रों ने कोरुकोंडा ब्लॉक के मझिगुड़ा गांव में लगभग दो किलोमीटर की सड़क में हुए गड्ढों को भरने का काम खुद किया है. वहीं एक स्थानीय एनजीओ 'टीम संघटन' के सदस्यों, और एक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भी छात्रों की इस काम में उनकी मदद की है.
प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान
पटरैल ग्राम पंचायत के सरपंच भीम बारसे का कहना है कि 'पडलपुत में रहने वाले ग्रामीण इस सड़क का इस्तेमाल अन्य गांवों में जाने के लिए करते हैं. वहीं बच्चे तालकट्टा में अपने स्कूल जाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. मैंने तीन साल पहले सरपंच के रूप में पदभार संभाला था, तब से ही हम अपनी वार्षिक कार्ययोजना के तहत इस सड़क के निर्माण में शामिल थे, लेकिन प्रशासन ने किसी न किसी कारण का हवाला देकर इसे कभी मंजूरी नहीं दी.'
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