नोएडा: दिल्ली एनसीआर पर अब तक के सबसे भयानक प्रदूषण की मार पड़ी है. दोपहर में अंधेरा छाया हुआ है, लोगों ने प्रदूषण का ऐसा कहर पहले कभी नहीं देखा, आंखें जल रही हैं, सांस लेने में मुश्किल हो रही है, इमरजेंसी वाले हालात हैं, प्रदूषण को नापने वाले मीटर बता रहे हैं कि हवा कितनी जहरीली हो चुकी है. प्रदूषण की समस्या के चलते गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्कूलों को चार-पांच नवंबर को बंद रखने का फैसला किया गया है.


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अधिकारियों ने रविवार को बताया कि आदेश 12वीं कक्षाओं तक के स्कूलों पर लागू होगा. गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद प्रशासन ने कहा कि यह फैसला दीवाली के बाद से वातावरण में पीएम10 और पीएम 2.5 के बढ़े स्तर और उसकी वजह से खराब हुई हवा की गुणवत्ता की वजह से लिया गया है.


गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने लिखित आदेश में कहा, ''बच्चों को स्कूल ले जाने में इस्तेमाल होने वाले वाहनों से बड़ी मात्रा में पीएम2.5 और पीएम10 का उत्सर्जन होता है तथा ऐसे वाहनों के परिचालन से स्थिति और खराब होगी. इसलिए गौतमबुद्ध नगर जिले में 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को चार नवंबर और पांच नवंबर को भी बंद रखने का फैसला किया गया है.'' प्रदूषण से बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले असर को रेखांकित करते हुए गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया है.


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नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 1045 हो चुका है. PM 2.5 का लेवल 830 है जो कि सेहत के लिए बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला है. वहीं PM 10 का 1149 जैसे खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में EPCA निर्देश के बावजूद निर्माण करनेवालों पर कार्रवाई की जा रही है. एसडीएम ने दो बिल्डरों पर जुर्माना लगाया है वहीं तैंतीस लोगों को गिरफ्तार किया गया है.