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महामारी की स्थिति सामान्य होने तक दिल्ली में बंद रहेंगे स्कूल, DOE ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 को 3 चरण में बांटा
मनीष सिसोदिया की ओर से जारी बयान में कहा गया कि महामारी की शुरुआत के साथ, विद्यार्थियों की पढ़ाई का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इस साल हमें न केवल बच्चों के लर्निंग गैप को कम करने की आवश्यकता है, बल्कि उन्हें इमोशनल सपोर्ट देने की ज़रूरत भी है. साथ ही विद्यार्थियों को टीचिंग लर्निंग प्रोसेस के लिए दोबारा मानसिक रूप से तैयार करने की ज़रूरत है.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षण गतिविधियों के संचालन और क्रियान्वयन को लेकर सर्कुलर जारी किया है. जिसमें दिल्ली के सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में नर्सरी से बारहवीं कक्षाओं के शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एक्शन प्लान की रूपरेखा निर्धारित की गई है. ऑनलाइन, सेमी-ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं शुरू होंगी. उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि महामारी की स्थिति सामान्य होने तक स्कूल बंद रहेंगे लेकिन ऑनलाइन और सेमी-ऑनलाइन विधियों का उपयोग करते हुए शिक्षकों और छात्रों के बीच जुड़ाव जल्द दोबारा शुरू हो जाएगा.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से जारी बयान में कहा गया कि महामारी की शुरुआत के साथ, विद्यार्थियों की पढ़ाई का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इस साल हमें न केवल बच्चों के लर्निंग गैप को कम करने की आवश्यकता है, बल्कि उन्हें इमोशनल सपोर्ट देने की ज़रूरत भी है. साथ ही विद्यार्थियों को टीचिंग लर्निंग प्रोसेस के लिए दोबारा मानसिक रूप से तैयार करने की ज़रूरत है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से जारी बयान में कहा गया कि महामारी की शुरुआत के साथ, विद्यार्थियों की पढ़ाई का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इस साल हमें न केवल बच्चों के लर्निंग गैप को कम करने की आवश्यकता है, बल्कि उन्हें इमोशनल सपोर्ट देने की ज़रूरत भी है. साथ ही विद्यार्थियों को टीचिंग लर्निंग प्रोसेस के लिए दोबारा मानसिक रूप से तैयार करने की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा कि इस साल, विद्यार्थियों के आंकलन के लिए टीचिंग स्ट्रैटिजी और असेसमेंट के बीच बेहतर तालमेल बनाकर ऐसी मूल्यांकन विधियों का प्रयोग किया जाएगा जो साल के अंत में मूल्यांकन एक बार में होने वाली परीक्षा पर से हमारी निर्भरता को कम करेगा. शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए बनाए गए एक्शन प्लान में छात्रों के टीचिंग-लर्निंग की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक नई एप्रोच को अपनाया गया है.
तीन चरणों में होगा शैक्षणिक सत्र-
पहला चरण- जून के अंतिम सप्ताह 28 जून से शुरू होगा और 3 जुलाई तक चलेगा. इस दौरान शिक्षक और स्कूल प्रमुख छात्रों और उनके अभिभावकों से संपर्क करेंगे, उनके कांटेक्ट डिटेल्स अपडेट करेंगे, व्हाट्सएप ग्रुप बनाएंगे और स्मार्ट फोन, सामान्य फोन या बिना फोन वाले छात्रों की सूची तैयार करेंगे.
दूसरा चरण- 5 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेगा. दूसरे चरण में, शिक्षक अपने छात्रों से उनके वेल-बीइंग, छात्रों की वर्तमान स्थिति को समझने और उन्हें मेंटल और इमोशनल सपोर्ट देने का काम करेंगे. साथ ही नर्सरी से आठवीं कक्षा तक की कक्षाओं में वर्कशीट के माध्यम से पढ़ने, लिखने और अंकगणित के सामान्य गतिविधियों को शुरू करेंगे. कक्षा IX से XII में, बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं और वर्कशीट के माध्यम से पढ़ाने के साथ-साथ उनके इमोशनल वेल-बीइंग पर ध्यान दिया जाएगा. यह चरण जुलाई के अंत तक रहेगा.
तीसरा चरण- यह अंतिम चरण होगा जो 2 अगस्त से शुरू होगा. इस दौरान लर्निंग गैप को खत्म करने के लिए क्लास स्पेसिफिक एक्टिविटीज पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. जबकि नर्सरी से आठवीं कक्षा को सामान्य और सब्जेक्ट स्पेसिफिक वर्कशीट दिए जाएंगे. कक्षा IX से XII के लिए संबंधित विषय के शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंग.
स्मार्टफोन न होने पर भी पूरी होगी पढ़ाई-
सर्कुलर में इस बात पर जोर दिया गया है कि नौवीं से बारहवीं कक्षा के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का फोकस छात्रों को सीखने के तरीके पर गाइड करना होगा. जिन छात्रों तक डिजिटल डिवाइस तक पहुंच नहीं है, उन्हें उनकी ऑनलाइन कक्षाओं को कैप्चर करने वाले नोट्स दिए जाएंगे. ये नोट्स माता-पिता द्वारा साप्ताहिक आधार पर स्कूल से प्राप्त कर सकते है. इसी तरह, जिन अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, वे अपने बच्चे के स्कूल से साप्ताहिक आधार पर वर्कशीट ले सकते है.
नियमित मासिक मूल्यांकन किया जायेगा-
कोरोना को देखते हुए सर्कुलर में इस बार मूल्यांकन पर विशेष जोर दिया गया है. छात्रों के आकलन के संदर्भ में, छात्रों की भागीदारी स्तर और सीखने के स्तर को समझने के लिए नए तरीकों का उपयोग करते हुए नियमित मासिक मूल्यांकन किया जाएगा. ये प्रोजेक्ट वर्क/एक्टिविटीज/असाइनमेंट पर आधारित होगा. स्कूल द्वारा इनका रिकॉर्ड रखा जाएगा और ये शैक्षणिक सत्र 2021-2022 में इंटरनल और एक्सटर्नल एसेसमेंट के रूप में प्रयोग में लाए जाएंगे और इन्हें छात्रों के मॉड्यूल पर अपलोड किया जाएगा.
तीन चरणों में होगा शैक्षणिक सत्र-
पहला चरण- जून के अंतिम सप्ताह 28 जून से शुरू होगा और 3 जुलाई तक चलेगा. इस दौरान शिक्षक और स्कूल प्रमुख छात्रों और उनके अभिभावकों से संपर्क करेंगे, उनके कांटेक्ट डिटेल्स अपडेट करेंगे, व्हाट्सएप ग्रुप बनाएंगे और स्मार्ट फोन, सामान्य फोन या बिना फोन वाले छात्रों की सूची तैयार करेंगे.
दूसरा चरण- 5 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेगा. दूसरे चरण में, शिक्षक अपने छात्रों से उनके वेल-बीइंग, छात्रों की वर्तमान स्थिति को समझने और उन्हें मेंटल और इमोशनल सपोर्ट देने का काम करेंगे. साथ ही नर्सरी से आठवीं कक्षा तक की कक्षाओं में वर्कशीट के माध्यम से पढ़ने, लिखने और अंकगणित के सामान्य गतिविधियों को शुरू करेंगे. कक्षा IX से XII में, बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं और वर्कशीट के माध्यम से पढ़ाने के साथ-साथ उनके इमोशनल वेल-बीइंग पर ध्यान दिया जाएगा. यह चरण जुलाई के अंत तक रहेगा.
तीसरा चरण- यह अंतिम चरण होगा जो 2 अगस्त से शुरू होगा. इस दौरान लर्निंग गैप को खत्म करने के लिए क्लास स्पेसिफिक एक्टिविटीज पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. जबकि नर्सरी से आठवीं कक्षा को सामान्य और सब्जेक्ट स्पेसिफिक वर्कशीट दिए जाएंगे. कक्षा IX से XII के लिए संबंधित विषय के शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंग.
स्मार्टफोन न होने पर भी पूरी होगी पढ़ाई-
सर्कुलर में इस बात पर जोर दिया गया है कि नौवीं से बारहवीं कक्षा के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का फोकस छात्रों को सीखने के तरीके पर गाइड करना होगा. जिन छात्रों तक डिजिटल डिवाइस तक पहुंच नहीं है, उन्हें उनकी ऑनलाइन कक्षाओं को कैप्चर करने वाले नोट्स दिए जाएंगे. ये नोट्स माता-पिता द्वारा साप्ताहिक आधार पर स्कूल से प्राप्त कर सकते है. इसी तरह, जिन अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, वे अपने बच्चे के स्कूल से साप्ताहिक आधार पर वर्कशीट ले सकते है.
नियमित मासिक मूल्यांकन किया जायेगा-
कोरोना को देखते हुए सर्कुलर में इस बार मूल्यांकन पर विशेष जोर दिया गया है. छात्रों के आकलन के संदर्भ में, छात्रों की भागीदारी स्तर और सीखने के स्तर को समझने के लिए नए तरीकों का उपयोग करते हुए नियमित मासिक मूल्यांकन किया जाएगा. ये प्रोजेक्ट वर्क/एक्टिविटीज/असाइनमेंट पर आधारित होगा. स्कूल द्वारा इनका रिकॉर्ड रखा जाएगा और ये शैक्षणिक सत्र 2021-2022 में इंटरनल और एक्सटर्नल एसेसमेंट के रूप में प्रयोग में लाए जाएंगे और इन्हें छात्रों के मॉड्यूल पर अपलोड किया जाएगा.
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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