नई दिल्लीः अमेरिका के लोकप्रिय जर्नल 'साइंटिफिक अमेरिकन' ने प्राणायाम से जुड़े एक मुद्दे पर लेख लिखा है. इस लेख का ट्विटर पर जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है. प्राणायाम करते हुए एक फोटो लगाकर लिखे गए इस लेख में जर्नल ने इसे 'कार्डियक कोहेरेंस ब्रीदिंग' बताया गया है. भारत में इस तरह के एक्सरसाइज को प्राणायाम कहा जाता है.
'प्रॉपर ब्रीदिंग ब्रिंग्स बेटर हेल्थ' शीर्षक से लिखे गए इस लेख में बताया गया है कि सासं लेने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और अच्छी नींद आती है. साथ ही कहा गया है कि अगर सांस सही तरीके लिया जाए तो इससे हमारे शरीर में काफी कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है.
इस खबर को ट्वीटर पर शेयर करते हुए कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने कहा, ''भारतीय परंपरा के 2500 साल पुराने प्राणायाम को 'कार्डियक कोहेरेंट ब्रीदिंग' बताया गया है. पश्चिम को यह बात जानने में सदियों लग गई.''
अमेरिकन जनर्ल की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'कार्डिक कोहेरेंस ब्रीदिंग' एक्सरसाइज से दिल की धड़कन सामान्य गति से चलती है और घबराहट (एंजाइटी) से मुक्ति मिलती है. घबराहट से मुक्ति का यह सबसे शक्तिशाली तरीका है. इसमें जिक्र किया गया है इस एक्सरसाइज के जरिए अनिंद्रा को भी भगाया जा सकता है.
इस एक्सरसाइज को भारत में अनुलोम-विलोम भी कहा जाता है. इस एक्सरसाइज में हाथ की अंगुलियों से नाक के एक छिद्र को बंद कर देते हैं और दूसरे से सांस खींचते हैं. सांस छोड़ने के लिए दूसरे छिद्र को बंद कर देते हैं और पहले से सांस छोड़ते हैं.
जर्नल के मुताबिक यह अभ्यास रोजाना करने से शरीर की कई परेशानियां और बीमारियां खत्म होती है. इस एक्सरसाइज के जरिए शरीर को चुस्त दुरुस्त रखा जा सकता है. प्राणायाम से शरीर को भारी मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है जिससे की हमारा शरीर अच्छे से काम करता है.
दिल की बीमारियों को रखना चाहते हैं दूर तो इन आसान टिप्स को करें फॉलो
दिल्ली में SAT CAB सम्मेलन का हुआ आयोजन, टीवी चैनलों के लिए TRAI के नए नियमों पर हुई चर्चा