Bilawal Bhutto On Kashmir: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो दो दिनों तक भारत की जमीन पर रहने के बाद वापस अपने देश लौट गए हैं. बिलावल भुट्टो गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने आए थे, लेकिन जैसा कि पाकिस्तान की आदत है, वे यहां भी कश्मीर का राग छेड़ना नहीं भूले. बिलावल ने एक इंटरव्यू में आर्टिकल 370 का भी जिक्र किया और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात न होने के पीछे इसे वजह बताया. वहीं, भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने बिलावल पर तंज कसते हुए उन्हें नींद से जागने की सलाह दे डाली.


गोवा में एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे बिलावल भुट्टो ने इंडिया टुडे को एक इंटरव्यू दिया था. इस इंटरव्यू में एस जयशंकर से द्विपक्षीय मुलाकात न होने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'जहां तक भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों या मेरे भारतीय समकक्ष के साथ किसी भी बातचीत की बात है, पाकिस्तान की स्थिति में आज भी कोई परिवर्तन नहीं आया है. जब तक भारत 5 अगस्त, 2019 (अनुच्छेद 370 को निरस्त करने) को की गई कार्रवाई की समीक्षा नहीं करता, तब तक पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से जुड़ने की स्थिति में नहीं है.'


जयशंकर ने कहा- आर्टिकल 370 इतिहास


बिलावल भुट्टो ने अनुच्छेद 370 रद्द करने की मांग उठाई तो भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को फटकार लगाते हुए नींद से जागने की सलाह दे डाली. एससीओ की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने अंग्रेजी मुहावरे 'वेक अप एंड स्मेल द कॉफी' (नींद से जागो और कॉफी की खुशबू लो) का जिक्र करते हुए कहा कि ऑर्टिकल 370 अब इतिहास है. जो लोग इसकी बात कर रहे हैं, उन्हें नींद से जाग जाना चाहिए.


इसके पहले बिलावल भुट्टो ने कश्मीर में जी20 के आयोजन पर भी आपत्ति जताई थी. इस पर एस जयशंकर ने कहा था कि उनका जी20 से कोई लेना-देना नहीं है, कश्मीर से भी कोई लेना-देना नहीं है. कश्मीर भारत का अभिन्न था, है और रहेगा. देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जी-20 की बैठकें हो रही हैं, इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है. उन्हें इस बारे में बात करनी चाहिए कि वे जम्मू कश्मीर से अवैध कब्जे को कब खाली कर रहे हैं.



बिलावल की यात्रा पर बोले जयशंकर


पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा के बारे में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि इसका बहुत कुछ मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'वह (भुट्टो) एक सदस्य देश के विदेश मंत्री के रूप में यहां आए थे. इसे इससे ज्यादा कुछ न देखें, क्योंकि इसका इससे ज्यादा कोई मतलब है भी नहीं.'


बिलावल के आतंकवाद को हथियार बनाने के सवाल पर डॉ. जयशंकर ने कहा, 'हम कूटनीतिक फायदे के लिए नहीं कर रहे. हम राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब कर रहे हैं.' 


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