SCO Meeting In Goa: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री चिन गांग के बीच गोवा में शंघाई सहयोग सम्मेलन (SCO) से इतर द्विपक्षीय बैठक हुई. इसमें भारत-चीन एलएसी और सीमा मुद्दों पर चर्चा की गई. दरअसल दोनों नेताओं के बीच पिछले दो महीनों में यह दूसरी द्विपक्षीय बैठक है.
चीनी विदेश मंत्री मार्च में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत आए थे. इस दौरान एस जयशंकर ने चिन गांग से कहा था कि पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी सीमा विवाद के कारण भारत-चीन संबंधों की स्थिति ‘असामान्य’ है. जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे.
भारत-चीन एलएसी और सीमा मुद्दों पर हुई चर्चा
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ट्वीट किया, " चीन के स्टेट काउंसिलर और विदेश मंत्री चिन गांग के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा हुई. हमारा ध्यान बाकी के मुद्दों को हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने पर केंद्रित है. इसके साथ ही हमने एससीओ, जी20 और ब्रिक्स पर भी चर्चा की. "
इन बिंदुओं पर रहा फोकस
इससे पहले एस जयशंकर ने महासचिव झांग मिंग के साथ बैठक की थी. इस बारे में उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “एससीओ सीएफएम में महासचिव झांग मिंग के साथ एक फलदायी बातचीत के साथ मेरी बैठक शुरू हुई. भारत की एससीओ अध्यक्षता के लिए उनके समर्थन की सराहना करते हैं. भारतीय अध्यक्षता सुरक्षित एससीओ के प्रति प्रतिबद्ध है. इसका प्रमुख फोकस स्टार्टअप्स, पारंपरिक चिकित्सा, युवा सशक्तिकरण, बौद्ध विरासत और विज्ञान और प्रौद्योगिकी हैं. गोवा में एक सफल सीएफएम की प्रतीक्षा है.
भारत और चीन के बीच अहम है ये बैठक
इससे पहले सूचना आई थी कि चीन के विदेश मंत्री वर्चुअल तरीके से इस बैठक में हिस्सा लेंगे लेकिन मंगलवार (2 मई) को चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चिन गांग भारत का दौरा करेंगे. सीमा विवाद को लेकर चल रही दोनों देशों के बीच तनातनी को लेकर ये बैठक अहम मानी जा रही थी. वहीं, एससीओ के सभी सदस्य भारत, चीन, पाकिस्तान, रूस, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री भौतिक तौर पर इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं.
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