SCO Summit 2022: उज्बेकिस्तान के समरकंद (Samarkand) में दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) चल रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistan PM Shahbaz Sharif) भी एससीओ में शामिल होने के लिए समरकंद पहुंचे हैं. शंघाई सहयोग संगठन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने देश में बाढ़ के हालात (Flood Situation) पर चर्चा करते हुए भावुक हो गए. 


उन्होंने जलवायु परिवर्तन (Climate change) का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसका सबसे अधिक असर इस समय पाकिस्तान में देखने को मिल रहा है. पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि SCO को जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर एक साथ आना जाहिए. क्योंकि आज जो हालात पाकिस्तान में बने हुए हैं कल वही स्थिति किसी दूसरे देश के सामने भी पैदा हो सकते है. 


बाढ़ का जिक्र कर भावुक हुए शहबाज शरीफ


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान में बाढ़ के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि आज वहां हर जगह पानी ही पानी है और बाढ़ से हालात खराब है. इसके अलावा शहबाज शरीफ ने एससीओ में डॉयलॉग पार्टनर सऊदी अरब, तुर्की, मिस्र, कतर, बहरीन, मालदीव, यूएई और म्यांमार का स्वागत किया. पाकिस्तान पीएम शहबाज शरीफ ने कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से सम्मेलन के इतर बैठक की है. इन बैठकों में उन्होंने पाकिस्तान में आई बाढ़ का दुखड़ा रोया और मदद के लिए गुहार लगाई. 


पाकिस्तानी पीएम ने अपनी इन बैठकों के बारे में जानकारी देते हुए एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि सम्मेलन का पहला दिन काफी बड़ा था लेकिन काफी प्रोडेक्टिव रहा. इस दौरान कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ उनकी मुलाकात हुई. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने अपने समकक्ष नेताओं के साथ बैठक में पाकिस्तान में बाढ़ के हालात से अवगत कराया और उन सभी देशों से पाकिस्तान की मदद करने की गुहार भी लगाई. 


ट्रांजिट के अधिकार पर बोले शहबाज


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एससीओ में भारत को ट्रांजिट का अधिकार देने पर अपना रुख भी साफ किया. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ समिट में इससे पहले पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा था कि सदस्य देशों को एक-दूसरे को ट्रांजिट का अधिकार देने चाहिए. पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के लिए मदद में रोड़ा अटकाने के लिए पाकिस्तान को जमकर लताड़ा था. जिस पर पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि चलिए हम एक मजूबत कनेक्टिविटी प्लान बनाते हैं, जिससे मध्य एशिया के देशों की कनेक्टिविटी हो. ऐसे में पड़ोसी समेत सभी को पूरा ट्रांजिट का अधिकार मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि ये सभी सदस्य देशों की जीत होगी.  


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