BMC Headquarters Scuffle: महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है, सीएम एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट एक दूसरे के आमने-सामने खड़े हैं. इसी बीच मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी में दोनों गुटों के बीच जमकर झड़प हो गई. बीएमसी कार्यालय में शिवसेना दफ्तर पर शिंदे गुट दावा करने पहुंचा था, जिसके बाद वहां मौजूद शिवसेना नेताओं ने इसका विरोध किया और दोनों गुटों में जमकर बहस हुई, ये हाथापाई इतनी बढ़ गई कि पुलिस को मौके पर आना पड़ा. 


शिवसेना दफ्तर को लेकर झगड़ा
बता दें कि एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से ही बीएमसी हेडक्वॉर्टर में स्थित शिवसेना दफ्तर को लेकर दोनों धड़े आमने-सामने हैं. दोनों ही गुट दावा कर रहे हैं कि शिवसेना का दफ्तर उन्हें सौंपा जाना चाहिए, शिंदे गुट का कहना है कि उनके पास ज्यादा संख्या में विधायक और सांसद हैं, इसीलिए शिवसेना के दफ्तर पर उनका हक है. वहीं उद्धव बाला साहेब ठाकरे शिवसेना के नेताओं का कहना है कि हमेशा से ये उनका दफ्तर रहा है तो इसे छोड़ने का सवाल ही नहीं बनता. 




दोनों गुटों में जमकर नारेबाजी
ताजा मामले में दोनों ही तरफ से जमकर नारेबाजी हुई. उद्धव गुट ने इस दौरान 'पचास खोखे ओके' के नारे लगाए. दरअसल शिंदे गुट के नेता बीएमसी दफ्तर में कमिश्नर इकबाल चहल से मुलाकात करने पहुंचे थे. इस दौरान शिवसेना के नेता और कार्यकर्ता दफ्तर पहुंचे और वहां स्थित कुर्सियों पर बैठ गए. देखते ही देखते दोनों गुट आमने-सामने आ गए और जमकर बहस शुरू हो गई. बात हाथापाई तक पहुंची तो पुलिस को मौके पर आना पड़ा और सभी कार्यकर्ताओं को दफ्तर से बाहर किया गया. पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए सभी नेताओं को दफ्तर से बाहर निकाला. 


इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि बीएमसी दफ्तर में किसी भी तरह की हिंसा ठीक नहीं है. मुझे लगता है कि शांति बहाल होनी चाहिए. उद्धव ठाकरे गुट को ये समझना चाहिए कि वो बहुमत खो चुके हैं. यहां तक कि ग्राम पंचायत चुनाव में भी वो पांचवें नंबर पर हैं. 


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