Ashoka Stambh Controversy: संसद भवन की नई इमारत पर राष्ट्रीय चिह्न (National Emblem) का अनावरण होते ही इस पर विवाद छिड़ गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को संसद भवन की नई इमारत (New Building Of Parliament House) पर राष्ट्रीय चिह्न का उद्घाटन किया था. विपक्ष का आरोप है कि राष्ट्रीय चिह्न के साथ छेड़छाड़ कर उसे बदल दिया गया है. इसमें बने हुए शेर सारनाथ में स्थित स्तंभ से अलग हैं. 


राष्ट्रीय चिह्न पर विवाद के बीच इसे डिजाइन करने वाले मूर्तिकार सुनील देवड़े (Sunil Deore) की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. मूर्तिकार सुनील देवड़े ने कहा कि, "उनके द्वारा बनाई गई मूर्ति और मूल संरचना के बीच कुछ मामली अंतर हो सकता है, जो कि कांस्य से बनी हुई है जिसका वजन 9.5 टन है." उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक के चरित्र में कोई बदलाव नहीं हैं.


बता दें नये संसद भवन में लगे राष्ट्रीय चिह्न को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. विपक्ष लगातार इस मामले को लेकर सरकार और प्रधानमंत्री पर हमलावर रुख अपनाए हुए है. विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार पर राष्ट्रीय चिह्न के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. साथ ही इन आरोपों के पीछे कई कानूनी और एतिहासिक तर्क भी दिए हैं. वहीं बीजेपी ने विपक्ष के इन तमाम आरोपों को खारिज करते हुए जवाब में कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीक में कोई फेरबदल नहीं किया है. 


कौन हैं सुनील देवड़े


आपके बता दें कि राष्ट्रीय प्रतीक को बनाने वाले सुनील देवड़े 49 साल के हैं. उन्होंने जेजे जेजे स्कूल ऑफ ऑर्ट्स से मूर्तिकला में गोल्ड मेडल हासिल किया हुआ है. सुनील देवड़े इससे पहले अजंता एलोरा विजिटर सेंटर में अजंता एलोरा गुफाओं की रेप्लिकाएं भी बना चुके हैं. जिनकी कीमत 125 करोड़ रुपये बताई जाती है. 


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