SDMC Encroachment Drive: दिल्ली में फिर चलेगा बुलडोजर? एसडीएमसी मेयर ने दौरा कर चिन्हित किए कई इलाके
सूर्यान का कहना है कि दिल्ली सरकार रातों रात पहचान पत्र बनवा देती है. यहां पर बांग्लादेशी रोहिंग्या बसे हैं. दिल्ली में पहले कांग्रेस और फिर आप की सरकार की विफलता है कि ये लोग यहां आकर बस गए हैं.
Delhi SDMC Encroachment Drive: यूपी, एमपी, गुजरात, के बाद अब बीजेपी की तरफ से दिल्ली में एक बार फिर बुलडोजर के जरिए राजनीतिक समीकरण बैठाने की कोशिश शुरू कर दी गई है. इसी सिलसिले में दक्षिण दिल्ली के महापौर मुकेश सूर्यान दिल्ली के जैतपुर इलाके में पहुंचे. जैतपुर में यमुना के किनारे झुग्गियों में रहने वाले लोगों को महापौर ने रोहिंग्या बांग्लादेशी बताया और इनकी झुग्गियों पर बुलडोजर चलाने की बात कही. साथ ही दिल्ली की मौजूदा आप की सरकार पर भी जमकर निशाना साधा.
महापौर ने आप और कांग्रेस पर साधा निशाना
सूर्यान का कहना है कि दिल्ली सरकार इनके रातों रात पहचान पत्र बनवा देती है. यहां पर बहुत सारे बांग्लादेशी रोहिंग्या बसे हैं. दिल्ली में पहले कांग्रेस और फिर आप की सरकार की विफलता है कि ये लोग यहां आकर बस गए हैं. पिछले 8 सालों में हमे जहां भी ऐसे रोहिंग्या मिले हैं हमने उन्हें देश से बाहर भेजने का काम किया है. हम दिल्ली में किसी भी रोहिंग्या को नहीं रहने देंगे. इन पर बुलडोजर चलाना ही एक उपाय है.
ऊंची बिल्डिंग्स पर दिए कार्रवाई के निर्देश
जैतपुर में महापौर सूर्यान पैदल ही अलग अलग इमारतों में जाकर लोगों से उनकी आईडी कार्ड या दुकान का वेरिफिकेशन कार्ड मांगते दिखे. आपको बता दें कि जैतपुर इलाका यमुना के बिल्कुल बगल में बसा हुआ इलाका है. ऐसे में यहां पर ऊंची बिल्डिंग बनाने की मनाही है. इसलिए इलाके में कई ऊंची बिल्डिंग देख कर महापौर ने संबंधित अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. साथ ही साथ जगह जगह सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण देख कर महापौर ने उपस्थित अधिकारियों को खूब खरी खोटी भी सुनाई.
जैतपुर का दौरा करने के बाद महापौर मदनपुर खादर के समोसा चौक पर पहुंचे तो वहां सड़क पर पड़े कबाड़ को देखकर आग बबूला हो गए. उन्होंने डीसी को निर्देश दिया कि अगर कल तक यहां की स्थिति नहीं सुधरती है तो कल से ही बुलडोजर चला दिया जाए. इसीलिए खादर से सटे जसोला गांव के लोग इस बुलडोजर की आहट से घबराए हुए है.
गरीबों पर बुलडोजर चला रही है सरकार
जसोला निवासी 50 वर्षीय प्रभात कश्यप का कहना है कि सरकार गरीबों पर ही बुलडोजर चला रही है. अगर हमारे इलाके में अतिक्रमण हटाना है तो फिर जसोला गांव के अलावा जसोला की पॉश कॉलोनी पर भी बुलडोजर चलना चाहिए. अगर एकतरफा कार्रवाई होती है तो फिर हमारी तरफ से भी पत्थर चलेंगे. अगर अतिक्रमण बुरा है तो दोनों पक्षों के लिए बुरा है. वहीं इलाके में 15 साल से होटल चला रहे विशाल का कहना है कि अगर बुलडोजर चलता है तो फिर हमारी रोजी रोटी का क्या होगा. हमें तो खाने के भी लाले पड़ जाएंगे.
बुलडोजर चलाने की टाइमिंग को लेकर उठ रहे हैं सवाल
इन इलाकों के अलावा सरिता विहार, कंचन कुंज, मदनपुर खादर में अतिक्रमण वाले इलाकों को चिन्हित किया गया है. इसके अलावा एमसीडी को जामिया नगर, बाटला हाउस में भी बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों के जमावड़े की शिकायत मिली है. इस वजह से एमसीडी जल्द ही यहां भी बुलडोजर के जरिए पूरा इलाका साफ करने की योजना बना रही है.
हालांकि इस कार्यवाही और इसकी टाइमिंग को लेकर बहुत सारे सवाल उठ रहे हैं. गौरतलब है कि जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति का आदेश देकर रोक दिया था. ऐसे में देखना होगा कि इन इलाकों के लोग अगर कोर्ट का रुख करते हैं तो कई दशकों से सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अदालत क्या आदेश देती है.