तमिलनाडु के मंडपम में भारतीय तटरक्षक बल और तमिलनाडु वन विभाग ने आठ करोड़ मूल्य का दो टन समुद्री जीव (Sea Cucumber) जब्त किया है. तस्करी की गुप्त सूचना मिलने पर अधिकारियों ने नाव का पीछा किया और संदेह के आधार पर जब्त कर लिया. प्रेस रिलीज में बताया गया कि नाव को श्रीलंका ले जाने की तैयारी थी. बयान में कहा गया, "टीम ने 2 हजार किलो वजनी सी कुकुम्बर के 200 बोरे जब्त किए. ये नाव मंडपम के वेदालाई से लगभग 15 किलोमीटर दूर बिना क्रू मेंबर्स के पाई गई. बरामद समुद्री जीव की कीमत का अंदाजा करीब आठ करोड़ रुपये लगाया गया है."


आठ करोड़ कीमती समुद्री जीव बरामद


तमिलनाडु वन विभाग के मुताबिक भारतीय तटरक्षक बल की टीम को मन्नार और पाक खाड़ी क्षेत्रों में समुद्री रास्ते से तस्करी रोकने के लिए तैनात किया गया था. गश्त लगाने के दौरान पम्बन के पास एक संदिग्ध नाव दिखाई पड़ी, जिसकी जानकारी टीम को दी गई. तटरक्षक कर्मियों ने नाव की जांच की तो उस पर कोई व्यक्ति नहीं मिला. उसके बाद सी कुकुम्बर से भरी नाव को रामेश्वरम के पास मंडपम लाया गया और वन के अधिकारियों को सौंप दिया गया.


नाव पर मिले सी कुकुम्बर के 200 बोरे


अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान खुलासा हुआ कि खेप को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पार भेजने का मंसूबा बनाया गया था. इससे पहले भी जुलाई के महीने में मंडपम में 1200 किलो सी कुकुम्बर की बरामदगी का मामला सामने आ चुका है और इस सिलसिले में दो लोगों को पकड़ा गया था. भारत में सी कुकंबर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के लुप्तप्राय प्रजाति में दर्ज है. चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में सी कुकुम्बर की बहुत ज्यादा मांग है. उसे शानो शौकत के तौर पर बेहद कीमती सी फूड और पारंपरिक लोक चिकित्सा समझा जाता है. उसमें कुछ औषधिय गुण भी पाए जाते हैं. उसका इस्तेमाल गठिया, कैंसर, बार-बार पेशाब, नपुंसकता और दूसरी बीमारियों का इलाज करने में किया जाता है. उसकी तस्करी प्रमुख तौर पर रामनाथपुरम और तूतीकोरिन जिलों से मछली पकड़ने के जहाजों में श्रीलंका की जाती है. 


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